मतदान केंद्रों पर पगडंडी, उखड़ी सड़क से जाएंगे वोट देने
हाइलाइटर----मतदान लोकतंत्र का एक ऐसा पर्व है जिसमें मतदाता पांच वर्ष के लिए अपनी पसंद के प्रति
हाइलाइटर----मतदान लोकतंत्र का एक ऐसा पर्व है जिसमें मतदाता पांच वर्ष के लिए अपनी पसंद के प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं। यही कारण है कि मतदान के दिन चलने-फिरने में असमर्थ मतदाता भी वोट देने के लिए मतदान केंद्र पर पहुंचते हैं। युवा अपने बुजुर्ग माता-पिता को विभिन्न साधनों से लेकर मतदान केंद्रों पर वोट डलवाने के लिए जाते हैं। ऐसे में मतदान केंद्र तक की सड़क को अच्छी होनी चाहिए, लेकिन जिले के लगभग 35 फीसद मतदान केंद्रों तक जाने वाली सड़कों की दशा ठीक नहीं है।
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जागरण संवाददाता, बलिया : विधान सभा चुनाव के लिए जिले के 1401 मतदान केंद्रों की व्यवस्था को ठीक किया जा रहा है, लेकिन अभी भी अधिकांश मतदान केंद्रों पर पहुंचने के लिए अच्छे मार्ग नहीं हैं। कई स्थानों पर पगडंडी के रास्ते ही मतदाता वोट डालने जाएंगे। गंगा नदी उस पार के बूथों पर तो स्थिति और भी खराब है। गंगा पार नौरंगा, चक्की नौरंगा और भुवाल छपरा में लगभग 10 हजार मतदाता हैं। यह इलाका बिहार से सटा हुआ है। यूपी की ओर से अभी तक पीपा पुल तक तैयार नहीं किया गया। ऐसे में मतदान कर्मियों या प्रशासन को भी वहां पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बैरिया क्षेत्र के जयप्रकाशनगर क्षेत्र के लगभग मतदान केंद्रों तक जाने वाली सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। बालू तस्करों ने बीएसटी बंधा की सड़क तक पर बालू फैला रखा है। बाइक से जाने से लोग हर दिन फिसल कर चोटिल हो रहे हैं। मतदान के दिन घर-घर के लोग अपने स्वजनों को बाइक से या अन्य साधनों से लेकर मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत इसी क्षेत्र में होगी। मतदान केंद्रों की सुविधाओं को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कसरत जारी है, लेकिन सभी सुविधाओं को ठीक कर देना बड़ी चुनौती है।
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पेयजल और शौचालय का भी अभाव
जिले के 1401 मतदान केंद्रों पर 2825 बूथ बनाये गए हैं। इसमें अधिकांश बूथों पर शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं है। पेयजल उपलब्ध है। सभी बूथों के लिए हेल्प डेस्क की सुविधा उपलब्ध है। जहां पर बिजली नहीं है, वहां यह सुविधा भी ठीक की जा रही है। विधानसभावार नियुक्त निर्वाचन अधिकारी हर मतदान केंद्र का निरीक्षण कर सुविधाओं को अंकित कर रहे हैं। कोरोना को देखते हुए इस बार कई अन्य प्रकार की व्यवस्था भी की जा रही है।
नगरा : ब्लाक मुख्यालय से चंद किमी दूर कोठियां के बूथ पर जाने के लिए आज भी कोई रास्ता नहीं है। एक पतले मेड़ के सहारे मतदाता वोट देने के लिए बूथ तक जाते हैं। यहां मतदाताओं की संख्या तीन हजार है। प्राथमिक विद्यालय पर दो बूथ बनाए जाते हैं। ढेंकवारी कोठिया मार्ग है, लेकिन इस मार्ग से प्राथमिक विद्यालय तक जाने के लिए एक पतला मेड़ है। इससे मतदाताओं को परेशानियों का सामना करते हुए वोट देने जाना पड़ता है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि यशवंत का कहना है कि यदि दोनों तरफ से थोडी जमीन मिले तो चकरोड निकाला सकता है।
रसड़ा के सात बूथों पर जाने के मार्ग बेहाल
रसड़ा : कोतवाली क्षेत्र में वैसे तो 121 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जबकि बूथों की संख्या 229 है। इस क्षेत्र में सात मतदान केंद्रों की स्थिति ठीक नहीं है। रसड़ा बाहरी स्थित प्राथमिक विद्यालय अहिरपुरा, सुल्तानपुर, सिसवार खुर्द, तिराहीपुर, नदौली, मंगरौली मोकलपुर में मतदान स्थल तक जाने के लिए समुचित मार्ग नहीं होने से आज भी लोग पकडंडी से होकर पहुंचते हैं। मतदान कर्मियों सहित मतदाताओं को भारी असुविधा होती है।
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बैरिया में गलियों से होकर पहुंचेंगे मतदान केंद्र
बैरिया : विधानसभा क्षेत्र के क्रिटिकल बूथों में शुमार कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय कर्ण छपरा पर मतदाता हों या मतदान कर्मी या सुरक्षाकर्मी सबको गांव की सकरी गलियों से पगडंडी होकर मतदान केंद्र तक पहुंचना पड़ता है। यहां रास्ते की स्थिति सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण काफी खराब है। यहां लगभग 3000 मतदाता हैं। हर बार मतदान के दिन अशांति की स्थिति उत्पन्न होती है। सुरक्षाकर्मियों या सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट आदि को भी यहां पहुंचने के लिए लगभग एक किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। उप जिलाधिकारी बैरिया अभय कुमार सिंह ने बताया कि जहां भी रास्ते की दिक्कत है, उस मतदान केंद्र को क्रिटिकल के श्रेणी में डाला गया है। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। हर मतदान केंद्र की सुविधाएं चेक की जा रहीं हैं।
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सरयू उस पार के बूथ पर रहती परेशानी
बांसडीह : विधानसभा क्षेत्र के तीन बूथ 325, 326 व 327 सरयू नदी के पार पड़ते हैं। यहां 2096 मतदाता हैं। वोट डालने जाने के लिए 120 किमी की दूरी तय कर पोलिग पार्टियां बिहार के रास्ते जाती पहुंचती हैं। इन बूथों को लेकर प्रशासन की ओर से अलग से व्यवस्था करनी होती है। मतदान केंद्रों पर सुविधाओं को अभाव है। गांव के अंदर के भी कई बूथ हैं जहां शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है।
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टूटा पड़ा है शौचालय का दरवाजा
दोकटी : ग्राम पंचायत सोनबरसा का प्राथमिक विद्यालय चौबे की दलकी मतदान केंद्र 54 बूथ संख्या 359 व 360 है। यहां मतदान स्थल तक जाने के लिए मार्ग नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पोलिग पार्टियों को भी मतदान केंद्र तक पैदल जाना पड़ता है। विद्युत सप्लाई चालू की गई है, लेकिन शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है। यहां पर करीब 1200 मतदाता हैं।