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काम के लिए दर-दर भटक रहे मनरेगा मजदूर

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By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 06:08 AM (IST)
काम के लिए दर-दर भटक रहे मनरेगा मजदूर
काम के लिए दर-दर भटक रहे मनरेगा मजदूर

जासं, सुखपुरा (बलिया): वैश्विक महामारी के इस दौर में सरकार मनरेगा मजदूरों को काम देने का दावा कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत इससे एकदम जुदा नजर आ रही है। आलम यह है कि जॉब कार्ड धारकों को काम की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। रोजी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे मजदूरों को कहीं काम नहीं मिल पा रहा है। ग्राम पंचायत से ब्लॉक मुख्यालय तक दौड़ लगाते-लगाते जॉब कार्ड धारक थक चुके हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

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कोरोना महामारी ने मजदूरों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न कर दी है। ऐसे में काम न मिलने से उनकी मुसीबत और बढ़ गई है। कुछ एक जॉब कार्ड धारकों ने बताया कि वर्षों से कोई काम न मिलने से जॉब कार्ड निष्क्रिय हो चुका है। कार्ड के नवीनीकरण या नया जॉब कार्ड बनाने की बात पर जिम्मेदार कन्नी काट ले रहे हैं। बीते दो-तीन महीनों में अपनी जमा पूंजी खाकर खत्म कर चुके मजदूर काम के लिए लालायित है लेकिन काम नहीं मिल पा रहा है। भले ही प्रशासनिक अमला हर ग्रामसभा में मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराने का दावा कर रहा हो लेकिन यर्थाथ में आंकड़ों की बाजीगरी ही चल रही है। जॉब कार्ड धारक संजय गुप्ता, बेचन गुप्ता, रितेश गोंड, बृजेश गोंड, राजकुमार, अली अहमद, गोरख पासी, इरशाद, रघुनंदन राजभर, हरेंद्र यादव आदि ने जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए काम दिलाने की मांग की है।


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