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खनन माफिया फिर सक्रिय, खतरा बढ़ा

(बलिया) गंगा नदी का पानी घटते ही खनन माफियों की चांदी हो गई है। नदी के तटवर्ती इलाकों माल्देपुर हैबतपुर विजयईपुर व महावीर घाट में दर्जनों ट्रैक्टर खनन में लग गए है। खनन के कारण गंगा नदी दबाव शहर कि तरफ बना रहा है। पिछली बार खनन के कारण नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में कई फिट की गहराई व चौड़ाई हो गया था। इसके कारण नदी का दबाव शहर की तरफ ज्यादा रहा इस कारण माल्देपुर से श्रीरामपुर घाट तक सैकड़ों एकड उपजाऊ जमीन नदी में समा गई वही घाट पर स्थित गंगेश्वर शिव मंदिर व जनेश्वर मिश्र एप्रोच भी गंगा में बह गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 05:49 PM (IST)
खनन माफिया फिर सक्रिय, खतरा बढ़ा
खनन माफिया फिर सक्रिय, खतरा बढ़ा

जागरण संवाददाता, सागरपाली (बलिया): गंगा नदी का पानी घटते ही खनन माफियाओं की चांदी हो गई है। नदी के तटवर्ती इलाकों माल्देपुर, हैबतपुर, विजयईपुर व महावीर घाट में दर्जनों ट्रैक्टर खनन में लग गए हैं। खनन के कारण गंगा नदी दबाव शहर की तरफ बना रहा है। पिछली बार खनन के कारण नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में कई फीट की गहराई व चौड़ाई हो गई थी। इसके कारण नदी का दबाव शहर की तरफ ज्यादा रहा। इस कारण माल्देपुर से श्रीरामपुर घाट तक सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में समा गई, वही घाट पर स्थित गंगेश्वर शिव मंदिर व जनेश्वर मिश्र एप्रोच भी गंगा में बह गया।

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अगर शासन इन क्षेत्र को डेंजर जोन चिन्हित नहीं किया तो आने वाले दिनों में हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन व कई गांव नदी में समाहित होने के साथ ही गंगा शहर के लिए खतरा बनेगी। खनन माफिया प्रतिदिन चंद रूपयों के लालच में दर्जनों ट्राली बालू का खनन बेरोकटोक कर रहे हैं। उन्हे भविष्य में होने वाले नुकसान के बारे में कोई लेना देना नही है। हैबतपुर प्रधान प्रतिनिधि नरेन्द्र राय सहित कई ग्रामीणों की मांग है कि इस क्षेत्र को ड़ेजर जोन घोषित कर खनन से मुक्त किया जाए। नही तो आने वाले दिनों में बलिया शहर को चौथी बार कही बसाने की तैयारी करनी पड़ेगी। इस बार बाढ़ के बाद नदी का बहाव उत्तर की तरफ हो रहा है जो भविष्य के लिए खतरा है।

वर्जन

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अगर कोई किसान खनन माफिया की मिलीभगत से या किसान के खेत में खनन हो रहा है तो राजस्व टीम पैमाइश के बाद उक्त किसान से खनन का राजस्व की वसूली करेगी। खनन होने पर किसान अपने खेतों में खनन न होने दे और इसकी सूचना विभाग या पुलिस को दे।

- डा. योगेन्द्र भदौरिया

खनन अधिकारी


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