मनोज सिंह अमर रहे के नारे से गूंजा शहर
जागरण संवाददाता, बलिया : सुकमा नक्सली हमले में शहीद मनोज कुमार ¨सह के अंतिम दर्शन को शहर
जागरण संवाददाता, बलिया : सुकमा नक्सली हमले में शहीद मनोज कुमार ¨सह के अंतिम दर्शन को शहर के पुलिस लाइन में भी लोग टकटकी लगाए घंटों तक खड़े रहे। बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से जैसे ही पुलिस लाइन में शव आया, वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने 'मनोज ¨सह, अमर रहे' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने शुरू कर दिए। विशेषकर स्टेडियम की ओर से खड़े सैकड़ों नौजवानों के देशभक्त नारों से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा।
मंत्री उपेंद्र तिवारी, सीआरपीएफ के डीआइजी जयवीर ¨सह ¨सधु के साथ उनके अधिकारी व स्थानीय प्रशासन भी शहीद के सम्मान में शहीद के शव का घंटों इंतजार किया। पुलिस लाइन के चारों तरफ बाउंड्री पर मौजूद हर किसी को शहीद की शहादत का गम तो था ही, नक्सलियों की इस कायराना हरकत के खिलाफ गुस्सा भी था। कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद कार्यालयों के कर्मचारी भी अपना कामकाज छोड़कर शहीद के पाíथव शरीर के अंतिम दर्शन को आ गए थे। पहले से खड़ी भीड़ और बढ़ गई जब हेलीकॉप्टर की गूंज सुनाई देने लगी। पुलिस लाइन व उसके आसपास का एरिया भारत माता की जय और शहीद मनोज ¨सह अमर रहें के नारों से गूंज उठा। इस मौके पर जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम, एसपी अनिल कुमार, अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार ¨सघल, अपर पुलिस अधीक्षक विजय पाल ¨सह, एसडीएम निखिल टीकाराम फूंडे, सीओ हितेन्द्र कृष्ण, कोतवाल शशिमौली पांडेय, भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दुबे, पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र यादव, वशिष्ठ नारायण पाण्डेय, सांसद प्रतिनिधि अरुण ¨सह गामा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष अरुण ¨सह बंटू, कमलेश ¨सह आदि मौजूद थे। शहादत पर हर किसी को नाज, पिता बोले राष्ट्र सर्वोपरि
चितबड़ागांव : छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान मनोज कुमार ¨सह का जन्म 1983 में उसरौली गांव के पैतृक घर में हुआ था। स्वभाव से शालीन और सरल मनोज ¨सह की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही निजी विद्यालय संस्कृति शिशु शिक्षा मंदिर में हुई। उनको पढ़ाने वाले शिक्षक चंद्र भूषण मिश्र बताते हैं कि मनोज काफी सरल स्वभाव के थे। प्रारंभ में वह पढ़ने में काफी लापरवाह थे लेकिन चौथी पांचवी कक्षा में मन लगाकर पढ़ना शुरू किए। पांचवीं पास करने के बाद मनोज अपने बुआ के यहां गाजीपुर जनपद के मरदह थाना के धनेशपुर गांव चले गए, जहां जय सतगुरु देव इंटर कॉलेज से दसवीं की पढ़ाई पूरी की। मनोज के पिता नरेंद्र नारायण ¨सह बताते हैं कि जब वे कोलकाता में पोस्ट थे उस समय मनोज सीआरपीएफ में भर्ती होने के लिए कोलकाता गया था। नंबर कम आने के कारण वह भर्ती नहीं हो पाए। मैंने उन्हें मना किया तुम सीआरपीएफ में न आओ लेकिन उसके मन में देश की सेवा करने का जज्बा था। मनोज के पिता सीआरपीएफ में ही कार्यरत थे। जुलाई 2007 में रिटायर्ड हो गए। बताते हैं कि सन् 2002 में जब वह श्रीनगर में पोस्ट थे उस समय पुन: मनोज कोलकाता गया और 2002 में ही सीआरपीएफ में भर्ती हो गया। पिता नरेंद्र नारायण ¨सह अपने दोनों नातियों को गोद में लिए दरवाजे पर बैठे काफी भावुक हो गए और कहने लगे कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है इसलिए उन्हें काफी गर्व है। बेटे की शहादत पर गम में डूबे नरेंद्र नारायण ¨सह की आंखों में तो आंसूओं का सैलाब था लेकिन कलेजा मजबूत करके उन्होंने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है और उसकी रक्षा करते हुए उनका बेटा शहीद हुआ है उन्हें इसका गर्व है। शहीद को अधिवक्तों ने पुष्प चक्र अíपत किए
बलिया : शहीद जवान मनोज ¨सह को अधिवक्ताओं ने श्रद्धांजलि दी। क्रिमिनल बार एवं सिविल बार के पदाधिकारियों व सदस्यों ने शोक सभा का आयोजन कर अपनी श्रद्धांजलि दी। साथ ही दो बजे के बाद न्यायिक कार्य से विरत रहे। इसे मौके पर देवेंद्र कुमार दुबे, हरिबंश ¨सह, घनश्याम पाण्डेय व ओंकार ¨सह आदि मौजूद थे। इधर सेंट्रल बार की तरफ से शहीद जवान को श्रद्धांजलि अíपत की गई। इसमें प्रियंक ¨सह, चेतन ¨सह, राधेश्याम प्रसाद, राजू ओझा, अमित गुप्ता, राम मोहन सहित दर्जनों अधिवक्ता शामिल थे। स्कूल परिवार ने दी श्रद्धांजलि
शहीद मनोज कुमार ¨सह का बेटा ¨प्रस और प्रतीक क्रमश: दूसरी और शिशु कक्षा के छात्र हैं। नगर पंचायत के ब्रह्मी बाबा वार्ड में स्थित नवभारत चिल्ड्रन एकेडमी में पढ़ते हैं। विद्यालय के प्रबंधक दीनबंधु गुप्ता ने बताया कि मनोज कुमार ¨सह जब छुट्टी आते थे तो बच्चों की पढ़ाई के विषय में शिक्षकों से और प्रधानाचार्य से संपर्क करते थे। 9 मार्च को वह बच्चों का शुल्क जमा करके गए उनका व्यवहार बहुत अच्छा था। विद्यालय में शोक सभा आयोजित की गई और विद्यालय में पठन पाठन स्थगित कर दिया गया।