लापरवाही का लोन मेला, पटरी दुकानदारों से खेला
सहतवार नगर पंचायत के वार्ड 14 निवासी दीनबंधु कुमार पटरी दुकानदार
जागरण संवाददाता, बलिया : सहतवार नगर पंचायत के वार्ड 14 निवासी दीनबंधु कुमार पटरी दुकानदार हैं। वह अपने मोहल्ले में रोजमर्रा की वस्तुएं बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं। लाकडाउन के चलते उनका धंधा तबाह हुआ। प्रधानमंत्री स्वनिधि से उन्हें उम्मीद दिखी। योजना के तहत 10 हजार रुपये ऋण के लिए मार्च में आवेदन किया था। नगर पंचायत ने उन्हें स्वीकृति पत्र दिया और भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा में जाने की सलाह दी। बकौल दीनबंधु, वह आठ से 10 चक्कर बैंक के लगा चुके हैं लेकिन उन्हें ऋण नहीं दिया गया। बैंक कर्मचारी उनका आवेदन ही फीड ही नहीं कर रहे हैं। उनके जैसे मोहल्ले के छह और लोग परेशान हैं।
दीनबंधु जैसे पटरी दुकानदारों को तत्काल ऋण उपलब्ध कराने के मकसद से बीते एक से छह मार्च तक प्रदेश की नगर पालिकाओं में स्वनिधि लोन मेला आयोजित किया गया था। बलिया नगर पालिका में आयोजन ठीक हुआ, लेकिन रसड़ा नगर पालिका परिषद में आयोजन लापरवाही के भंवर में फंस गया। एक, दो और तीन मार्च को कोई लोन बैंकों से नहीं दिलाया गया। सप्ताह में 500 लोगों को करीब 50 लाख रुपये ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया था। ऐसी लापरवाही सिर्फ रसड़ा ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के पांच अन्य नगर पालिकाओं में भी हुई है। आज भी पटरी दुकानदार 10 हजार के लिए बैंकों के फेरे लगा रहे हैं। नगर विकास के प्रमुख सचिव ने लापरवाही पर रसड़ा के ईओ से रिपोर्ट तलब कर ली है। इन नगर पालिकाओं को नोटिस
रसड़ा (बलिया), मुबारकपुर (आजमगढ़), चुनार (मीरजापुर), सोनभद्र, गोपीगंज (भदोही) व मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। सिर्फ 150 लोगों को लोन, बैंकों को नोटिस
मार्च में रसड़ा नगर पालिका में 505 पटरी दुकानदारों को स्वनिधि योजना का प्रमाण पत्र दिया गया, लेकिन बैंकों ने ऋण सिर्फ 150 लोगों को ही दिया। बाकी में मामले लटका दिया। प्रभारी ईओ प्रभुदयाल ने बताया कि मामले में कार्रवाई की गई है। बैंको को नोटिस जारी हुआ है। सबने 15 अप्रैल के बाद लोन वितरित करने को कहा है।