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बकरीद पर कुर्बानी देना सवाब का काम

जागरण संवाददाता बलिया कोरोना महामारी के चलते बकरीद पर्व की खरीदारी करने के लिए बाजारों में कम

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 06:03 AM (IST)
बकरीद पर कुर्बानी देना सवाब का काम
बकरीद पर कुर्बानी देना सवाब का काम

जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना महामारी के चलते शुक्रवार को बकरीद पर्व की खरीदारी करने के लिए बाजारों में कम ही चहल-पहल रही। विशुनीपुर चौराहे पर बकरे की खरीदारी करने के लिए कम ही लोग आए। इस दौरान लोगों ने पांच हजार से लेकर 18 हजार रुपये तक के बकरों की खरीदारी की।

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बकरीद (ईद-उल-अजहा) इस्लामी साल में मनाई जाने वाली दो ईदों में से एक है। बकरीद पर कुर्बानी देना सवाब का काम माना जाता है। रब की राह में खर्च करने का अर्थ नेकी व भलाई के कामों में खर्च करना है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इस विशेष पर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। छोटे-बड़े सभी ने कुर्बानी के लिए बकरे का इंतजाम किया है। शुक्रवार को बाजार में खरीदारी के लिए कम ही लोग दिखाई दिए। मुस्लिम इलाके में लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने में व्यस्त रहे। साथ ही शहर सहित देहात में स्थित मस्जिदों की साफ-सफाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।


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