नहीं मिला इंजेक्शन, चीखता रहा मरीज
रेवती के सीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए त्रिकालपुर निवासी ह
जागरण संवाददाता, बलिया : रेवती के सीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए त्रिकालपुर निवासी हरेंद्र कुमार व हड़िया कला निवासी लक्ष्मण प्रसाद दो दिनों से जा रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। उसी तरह चिलकहर के अस्पताल पर भादपा के निवासी ब्रह्मदेव प्रजापति चार दिनों तक इंजेक्शन के लिए अस्पताल पर पहुंचते रहे लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला। अंतत: चार दिनों के बाद दोनों लोगों को जिला अस्पताल पहुंचकर यह इंजेक्शन लगवाना पड़ा। यह किस्से तो मात्र नजीर हैं, दरअसल यह समस्या बहुत गंभीर हो चुकी है। जनपद के कई अस्पतालों पर एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं है।
मरीजों को बाहर की दुकानों से यह इंजेक्शन खरीदनी पड़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि कुत्ते, बंदर आदि के काटने के 24 घंटे में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लग जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संबंधित मरीज को आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। शरीर में रेबीज फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। जनपद में 18 सीएचसी, 13 पीएचसी, 66 न्यू पीएचसी और 02 अरबन अस्पताल हैं। इनमें बहुत से अस्पतालों में तो एंटी रेबीज इंजेक्शन रखने की सुविधा भी नहीं दी गई है। ब्लाक स्तरीय पीएचसी ओर सीएचसी केंद्रों पर ही यह सुविधा है। सीएमओ डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सुविधा केवल ब्लाक स्तरीय पीएचसी और सीएचसी केंद्रों पर है, जहां से जैसी डिमांड आती है, उस अनुपात पर डोज भेजते हैं।