इमाम हुसैन ने अजीम कुर्बानी देकर आलमे इंसानियत पर किया एहसान
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए अपनी तथा अपने
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए अपनी तथा अपने कुनबे की जो अजीम कुर्बानी दी वह पूरे आलमे इंसानियत पर एहसान है। हमें इस मौके पर उन्हें याद कर अपने इंसानी फर्ज को पूरा करना होगा। मुहर्रम की सातवीं तारीख पर भी यहां के सिया मुसलमानों द्वारा मजलिसों का दौर जारी रहा। इसी क्रम में मंगलवार को सुबह लगभग सात बजे सै.समशुल हसन के इमामबाड़े पर आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए लखनऊ से पधारे मौलाना मुहम्मद सादिक ने उक्त उद्गार व्यक्त किया। कहा कि इंसानी वसूलों को बचाने के लिए इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ कुर्बानी देकर एक मिसाल कायम किया जिसे दुनिया हमेशा याद रखेगी। सातवीं मुहर्रम को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि दुश्मनों ने कर्बला के मैदान में इमाम, उनके साथियों व बच्चों तक का पानी बंद कर दिया। बावजूद इसके उन्होंने अपने मजबूत इरादों से प्यास का मुकाबला किया और तीन दिन प्यासे रहने के बाद सभी ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी। मजलिस में कई लोगों ने अपनी तकरीर में इमाम हुसैन की अजीम कुर्बानियों का जिक्र किया, जिसे सुनकर लोगों की आंखें नम हो गईं। अंत में कैफी जलालपुरी ने अपनी नौहां खानी से पूरे माहौल को गमगीन कर दिया।