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शिकार के चलते मेहमान पक्षियों से वीरान हो रहा सुरहाताल

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए पांच साल पहले तक सुरहताल की हसीन वादियों में ठंढ के दस्तक के साथ ही मेहमान साईब्रेरियन पंक्षियों का जमावड़ा शुरू हो जाता था। सुरहताल के विशाल अथाह जल में इनके काफी संख्या में इनके भ्रमण को देख दूर-दूर के पर्यटक भी खींचे चले आते थे। इस ताल पर शिकारियों की नजर क्या लगी उनका आगमन ही बंद हो गया। अब काफी कम संख्या में मेहमान पक्षी आते हैं। उन पर शिकारियों की नीयत अच्छी नहीं है। शिकारी उन्हें भी जहर या नशे की गोली देकर मारने में कोई कसर बाकी नहीं रखते।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 10:24 PM (IST)
शिकार के चलते मेहमान पक्षियों से वीरान हो रहा सुरहाताल
शिकार के चलते मेहमान पक्षियों से वीरान हो रहा सुरहाताल

जागरण संवाददाता, बेरुआरबारी (बलिया) : अभी ज्यादा दिन नहीं हुए पांच साल पहले तक सुरहाताल की हसीन वादियों में ठंड के दस्तक के साथ ही मेहमान साइबेरियन पंक्षियों का जमावड़ा शुरू हो जाता था। सुरहाताल के विशाल अथाह जल में इनके काफी संख्या में इनके भ्रमण को देख दूर-दूर के पर्यटक भी खींचे चले आते थे। इस ताल पर शिकारियों की नजर क्या लगी उनका आगमन ही बंद हो गया। अब काफी कम संख्या में मेहमान पक्षी आते हैं। उन पर शिकारियों की नीयत अच्छी नहीं है। शिकारी उन्हें भी कीटनाशक गोली देकर मारने में कोई कसर बाकी नहीं रखते।

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इस तरह मेहमान पक्षियों को बनाते हैं शिकार

आने वाले पक्षियों में टीका, लालसर, जांघिल आदि को क्रूर शिकारी आटा की गोली या तितलियों में कीटनाशक भर कर ताल के अंदर पानी में डाल देते हैं। मेहमान पक्षी उन्हें खाकर अचेत हो जाते हैं। बाद में शिकारी उन्हें उठाकर बेच देते हैं। तब के समय में शिकारी उन पक्षियों को नमक का घोल पिला देते हैं जिसके बाद वे होश में आ जाते हैं। ऐसा करने के पीछे राज यह हैं कि मांसाहारी लोग ¨जदा पक्षियों को ज्यादा कीमत में खरीदते हैं। वहीं मरे पक्षी की कम कीमत देते हैं। लग्जरी वाहनों से भी बहुत से लोग इन पक्षियों को खरीदने के लिए सुरहाताल के पास मंडराते रहते हैं।

रखवाली के बावजूद नहीं बंद हुआ शिकार

ऐसा नही हैं की इसकी रखवाली के लिए कोई उपाय नहीं हुआ है। काशी वन्य जीव प्रभाग वाराणसी द्वारा रखवाली के लिए लोगों को रखा गया हैं। लेकिन इतने विशाल सुरहाताल में पक्षियों के शिकार को ये संभाल नहीं पाते। स्थानीय लोगों ने बताया की इस समय सबसे ज्यादा मैरीटार, कैथवली तथा बसन्तपुर की ओर पंक्षियों का शिकार ज्यादा किया जा रहा हैं। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगा तो आने वाले दिनों में यह सुरहाताल पूरी तरह वीरान हो जाएगा।


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