अपात्रों को बांटे 24 लाख के आवास, आठ लाख भुगतान
सरकार चाहती है कि हर गरीब को छत नसीब हो। परिवार खुल
जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : सरकार चाहती है कि हर गरीब को छत नसीब हो। परिवार खुले आसमान तले रात नहीं गुजारे। बहुत से परिवारों को छांव भी मिली है, लेकिन गांवों में कई ऐसे भी अपात्र हैं जिनके पास वाहन और पक्के मकान हैं, फिर भी उन्हें पात्र बना दिया गया। चंद रुपये के लिए मानक को ताख पर रख दिया गया। ताजा मामला सिसवार समेत आधा दर्जन गांवों में सामने आया है।
यहां 20 अपात्रों को आवास आवंटित कर दिया गया है। 24 लाख रुपये के भुगतान की फाइल चला दी गई। 40-40 हजार रुपये प्रति आवास के हिसाब से आठ लाख रुपये खातों में भेज भी दिए गए हैं। 60 फीसद लोगों ने पैसा दूसरे कार्यो में खर्च कर दिया। बीडीओ के सत्यापन में मामला पकड़ में आया और खातों पर रोक लगा दी गई। सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। यह धनराशि खातों से रिकवरी के आदेश भी हो गए हैं। जिम्मेदार बचाने में जुटे अपनी गर्दन
सिसवारकला गांव में 21 लाभार्थियों का लक्ष्य था। पहली सूची पर ही सभी लाभार्थियों के खाते में पहली किस्त 40-40 हजार भेज दी गई। इनमें से कुछ ने पैसा निकाल भी लिया, जब सेक्टर एडीओ रमाकांत ने जांच की तो सुरजीत, उमेशचंद, गंगासागर, सत्येंद्र, मनोज व अरविद अपात्र मिले। मामले में बीडीओ ने सचिव रामजी गुप्त से स्पष्टीकरण मांगा है। सचिव ने भी मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है। नंबर गेम
6 : अपात्र सिसवारकला गांव
14 : अपात्र अन्य गांवों में
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तीन किस्तों में भेजते हैं पैसा
40,000 : पहली किस्त
70,000 : दूसरी किस्त
10,000 : अंतिम किस्त
18,090 : मजदूरी राशि
12,000 : शौचालय
सेक्टर एडीओ द्वारा जिन लाभार्थियों के अपात्र होने की जानकारी दी गई है, उनके खाते पर रोक लगा दी गई है। लाभार्थी ने पैसा आहरित कर लिया है तो उनसे रिकवरी की जाएगी। जो दोषी होगा, कार्रवाई होगी।
- प्रवीनजीत, बीडीओ, नगरा ब्लाक अपात्र लाभार्थियों का नाम सूची में कैसे भेजा गया, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इस संबंध में मैंने खंड विकास अधिकारी को लिखित दे दिया है।
- रामजी गुप्ता, सचिव, सिसवारकला