आग से आधा दर्जन झोपड़ियां राख, लाखों की क्षति
जागरण संवाददाता, बलिया: सदर कोतवाली क्षेत्र के कंसपुर दियारे में मंगलवार की आधी रात बाद लगी
जागरण संवाददाता, बलिया: सदर कोतवाली क्षेत्र के कंसपुर दियारे में मंगलवार की आधी रात बाद लगी आग से आधा दर्जन रिहायशी झोपड़ियां जल कर राख हो गई। इसमें रखा लाखों का सामान राख हो गया। आग की चपेट में आने से 6 पशु झुलस गए। फायर ब्रिगेड के जवानों ने पहुंच कर आग को शांत किया। इसमें आधा दर्जन परिवार आसमान के नीचे आ गए हैं। हरेराम चौधरी के घर में खाना बनाने के बाद महिलाएं आग संग राख को चूल्हे में छोड़कर सो गई। इससे निकली आग रात को झोपड़ी को पकड़ लिया। देखते ही देखते आग विकराल रूप धारण कर लिया। आग की आंच से परिवार वालों की नींद खुल गई। इस पर वे हो हल्ला करते हुए भाग निकले। परिवार वाले किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाएं। आग की लपटों व शोर को सुनकर बस्ती के लोग दौड़कर पहुंच गए और आग को बुझाने के प्रयास में लग गए। देखते ही देखते आग पल भर में अगल-बगल की झोपड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। एक के बाद एक करीब आधा दर्जन झोपड़ियां जल उठी। इसकी सूचना पाते ही फायर ब्रिगेड के जवान मौके पर पहुंच गए। इसके बाद आग काबू में हुआ। इस दौरान एक झोपड़ी में बंधी 8 गायों में दो को सुरक्षित बचा लिया गया। आग की चपेट में आने से छह पशु झुलस गए। आग बुझाने के प्रयास में सुभाष यादव भी झुलस गया। इसकी शादी एक माह बाद होनी है। इसकी खबर पाते ही सांसद नीरज शेखर, सपा जिलाध्यक्ष यशपाल ¨सह, पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता आदि पहुंच गए। पीड़ितों से आग की घटना की जानकारी ली। साथ ही पीड़ित परिवार को करकट, ईंट आदि की मदद की। वहीं समाज सेवी अजय कुमार ने पीड़ित परिजनों के लिए टेंट लगवाया और भोजन की व्यवस्था की।
दो माह का बच्चा बचा भगवान भरोसे
आग बुझाने के दौरान जब लोग झोपड़ी का टांट फाड़ कर रजाई खीच कर बाहर फेंके तो उसमें से मासूम के रोने की आवाज सुनाई दी। इस पर हर कोई अवाक हो गया। हरेराम का दो माह का नाती जो आग के समय भागते समय उसे में छूट गया था। इसी बीच आग बुझाने के लिए आए ग्रामीण झोपड़ी की तरफ जाकर उसमें से रजाई को खींचने लगे। इस दौरान बच्चे की रोने की आवास सुनाई दी। किसी तरह से उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया।
राख से बचे हुए अनाज व सामान में तलाश रहे उम्मीद
आग में अपना सबकुछ गवां बैठे पीड़ित पूरे दिन राख में बचे अनाज व सामान में उम्मीदें तलाश रहे थे। जो आग से बचा उसे समेटने में लगे रहे। वहीं महिलाएं जले बक्से में क्या बचा है उसे निकाल कर रोने लग रही थी। उनका सबकुछ आग की भेंट चढ़ गया था। उसमें उनके द्वारा रखे गए सामान का जला टुकड़ा ही मिला। एक बुजुर्ग आग में जले अनाज का अवशेष बिन रहा था। उसे किसी के आने-जाने से कोई मतलब नहीं था। बस उसे यहीं ¨चता थी कि शायद कुछ निकाल लेंगे तो परिवार के एक पल का भोजन हो जाएगा।
पशुओं का हुआ इलाज
आग लगने की घटना के बाद पहुंचे विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला ने पशु चिकित्साधिकारी डा. जीसी द्विवेदी को तत्काल बुला कर पशुओं का इलाज कराया। विधायक की सूचना चिकित्सीय टीम पहुंच कर पशुओं का विधिवत इलाज करने के साथ ही पशु पालकों को दवा दिया।