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प्रभारियों के हाथों सौंप दी महत्वपूर्ण योजना

-रिटायमेंट से दो माह पहले ही कर दिया गया स्थातरण -जिलें के सात ब्लाक कार्यालय पर प्रभारियों का कब्जा

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 05:19 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 05:19 PM (IST)
प्रभारियों के हाथों सौंप दी महत्वपूर्ण योजना
प्रभारियों के हाथों सौंप दी महत्वपूर्ण योजना

जागरण संवाददाता, बलिया : शासन महिलाओं को लेकर इतना गंभीर है, कि किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करना नहीं चाहता है। लेकिन शासन द्वारा जिले में भेजे गए जिम्मेदार अधिकारी आज भी अपनी मनमाने रवैया को सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं। हद तो तब हो जाती हैं जब सरकार के फरमान को भी नजर अंदाज करके अधिकारी अपना फरमान मातहतों के लिए जारी कर दे रहे है। वह यह नहीं सोच रहे है कि इनके मनमाने फरमान से महिला कर्मचारियों को कीतनी परेशानी हो रही हैं। जी, हां हम बात कर रहे है, बाल विकास पुष्टाहार विभाग की यह एक की शिकायत का खामियाजा कई महिलाओं को झेलना पड़ रहा है। स्थानांतरण लिस्ट में कारण जनहित में कर दिया गया है। इस स्थानांतरण को लेकर विभाग में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। इस स्थानांतरण लिस्ट में एक महिला ऐसी भी हैं जिनका रिटायरमेंट महज दो माह शेष हैं लेकिन उसके बाद भी उनको गृह ब्लाक छोड़कर दूसरे ब्लाकों में तैनात कर दिया गया है। जबकि शासन का यह निर्देश कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को राहत देने के लिए उनके गृह जनपद में कर दिया जाय। महिला होने के बाद भी इनको किसी प्रकार की सहूलियत नहीं दिया गया है। इन दिनों विभाग चर्चाओं में ही रह रहा है, एक तरफ सुपरवाइजरों का स्थानांतरण तो दूसरी तरफ प्रभारियों के भरोसे ही जनपद के सात बाल विकास परियोजना कार्यालय संचालित हो रहे है। जब एक सीडीपीओ अपने एक ब्लाक का ही कार्य सही तरीके से संचालित नहीं कर पा रहे है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों ने दो से तीन ब्लाकों की जिम्मेदारी एक सीडीपीओ के दी है। अब सोचना ये है कि एक सीडीपीओ तीन ब्लाकों में कब-कब सरकार की योजनाओं का संचालन करेंगे। मनमानी का यही नतीजा है कि गांव के हर दूसरे किसान के दरवाजे पर गाय व भैंस को खिलाने के लिए सरकारी पुष्टाहार रखा गया है। जिले के नवानगर, बेलहरी, पंदह, बेरुआरबारी, बैरिया, सोहांव और शहर के कार्यालय प्रभारियों के भरोसे चल रहे है। ............वर्जन...........

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अगर किसी भी कर्मचारी को कोई भी परेशानी होती है, तो बिना संकोच हम से बात करें। जब तक कर्मचारी अपनी परेशानी को नहीं बताएंगे तब तक उसका समाधान मुश्किल है। रही बात प्रभारियों के भरोसे कार्यालय संचालित करने कि तो अब जिले में सीडीपीओ की संख्या है। ऐसे में एक को अन्य का भी प्रभार दिया गया है। लेकिन मेरे द्वारा हर कार्यालय का निरीक्षण किया जाता है। अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई किया जाएगा।

अन्नपूर्णा गर्ग, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बलिया।


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