विद्यार्थी 495 कमरे छह, छात्र जैसे-तैसे बैठने को विवश
जागरण संवाददाता नगरा ( बलिया) कोविड-19 का शोर कम होने के बाद जब सभी विद्यालय खुले तो इस
जागरण संवाददाता, नगरा ( बलिया) : कोविड-19 का शोर कम होने के बाद जब सभी विद्यालय खुले तो इस सत्र में परिषदीय विद्यालयों में सबसे ज्यादा विद्यार्थियों की भीड़ देखी जा रही है, लेकिन जिम्मेदार विद्यार्थियों को बैठने तक की उचित व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। विद्यार्थी धक्का-मुक्की कर बैठने के लिए अपना स्थान सुरक्षित करते हैं। प्रमाण के तौर पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगरा है। इसमें छात्रों की संख्या 495 है, लेकिन कमरे केवल छह हैं। इसमें भी केवल दो कमरों में ही बेंच की व्यवस्था है। शेष चार कमरों में छात्र फर्श पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। कुछ छात्रों को बरामदे में बैठाया जाता है। यह स्थिति देख अभिभावक हर दिन व्यवस्था को कोसते हैं। शिक्षा विभाग का मानक यह है कि एक कमरे में अधिकतम 40 से 45 छात्र ही बैठाये जा सकते हैं। इस तरह इस तरह 495 छात्रों के लिए कम से कम 12 कमरे होने चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी का पालन कराने के भी निर्देश हैं, लेकिन इस विद्यालय में यह भी संभव नहीं है। विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था ठीक है। शौचालय भी दो हैं, लेकिन ज्यादा संख्या में विद्यार्थी होने की वजह से अक्सर व्यवस्था बेपटरी हो जाती है।
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किस कक्षा में कितने छात्र
कक्षा 6 में 208, कक्षा 7 में 148, कक्षा 8 में 139 छात्र नामांकित हैं। इनमें बालक 254 व बालिकाओं की संख्या 241 है। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए 8 शिक्षकों व 3 अनुदेशकों की तैनाती हैं। हर कमरे में मानक से ज्यादा विद्यार्थी किसी तरह बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।
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विद्यालय में दो कमरे बंद पड़े हैं। एक में पुस्तकें हैं और दूसरे में कबाड़ रखा हुआ है। दोनों को तत्काल खाली कराया जाएगा। उसके बाद कुल आठ कमरे हो जाएंगे। अभी तक 300 विद्यार्थियों को पुस्तकें मिली हैं। शेष विद्यार्थियों को भी जल्द पुस्तकें मिल जाएंगी। व्यवस्था में धीरे-धीरे ही सुधार हो पाएगा।
- दयाशंकर राम, प्रधानाध्यापक।