बलिया के माथे पर बिदी संग चमकेगी फूड प्रोसेसिग यूनिट
जिले में मक्का व मसूर के अलावा टमाटर परवल व लाल मिर्च की खेती व्यापक पैमा
संग्राम सिंह, बलिया
जिले में मक्का व मसूर के अलावा टमाटर, परवल व लाल मिर्च की खेती व्यापक पैमाने पर होती है। बाहरी राज्यों को यहां से आपूर्ति भी की जाती है। जिला उद्योग केंद्र ने अब इन उत्पादों को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम में शामिल करने की योजना बनाई है। सहायक प्रबंधकों को सर्वे के आदेश हुए हैं। खेती के जरिये यहां फूड प्रोसेसिग यूनिट के माध्यम से लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इससे यूनिटों का विस्तार होगा।
कारण कि तीन साल पहले जिले के मनियर गांव के बिदी उद्योग को ओडीओपी में शामिल किया गया। अब इस लघु उद्यम से महिलाओं की रूचि घटी है। यह कार्य 10 हजार रुपये में आसानी से शुरू हो सकता है। मुश्किल यह है कि उद्योग विभाग सब्सिडी एक लाख से अधिक लोन पर ही देता है, लेकिन बिदी की इकाई के लिये 10 गुना कम बजट चाहिए इसलिए वर्ष 2020-21 में सिर्फ 25 लोगों ने ही ऋण की डिमांड की। विभाग का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका, उन्हें करीब 20 लाख रुपये शासन को वापस भेजने पड़े। इसलिए बिदी के साथ अब फूड प्रोसेसिग यूनिट को शामिल किया जाएगा। अधिक लोगों को स्वरोजगार के रास्ते जोड़ा जा सकता है। क्या है योजना : खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में फल और सब्जियां, मसाला, पोल्ट्री, दूध और दुग्ध उत्पाद, पेय पदार्थ, मत्स्य पालन, अनाज प्रसंस्करण और मिष्ठान्न भंडार समेत कई उपभोक्ता उत्पाद समूहों को शामिल किया गया है। जिले में मक्का, मसूर, टमाटर और लाल मिर्च समेत कई कृषि उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। यूनिटों के लिए एक से 10 लाख रुपये तक ऋण आराम से दिया जा सकता है, इससे उत्पादों की ब्रांडिग भी होगी। पहले खाद्य प्रसंस्करण मोटे तौर पर खाद्य संरक्षण, पैकेजिग और परिवहन तक ही सीमित था जिसमें मुख्य रूप से नमकीन बनाना, दही जमाना, सूखाना, अचार बनाना आदि शामिल था। तथापि, वर्षों से नए बाजारों और प्रौद्योगिकियों के आने से क्षेत्र ने अपने क्षेत्र का विस्तार किया है। हमने बिदी के साथ विकल्प के तौर पर फूड प्रोसेसिग यूनिट को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल करने की योजना बनाई है। बलिया में मक्का व मसूर समेत कई उत्पादों की अपार संभावनाएं हैं। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे शासन को भेजा जा रहा है।
- राजेश रोमन, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र