शहर के बनकटा मोहल्ला तक पहुंचा बाढ़ का पानी
मोक्षदायिनी गंगा के विकरालता का कहर बरकरार है। उच्चतम बिदु को लगभग छू रही गंगा के आगोश में शहर के निचले इलाके तो पहले से ही थे कुछ अन्य मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी से लबालब इन मोहल्लों की स्थिति नारकीय हो गई है। बाढ़ की वजह से लोगों का रहना मुश्किल हो गया है।
जागरण संवाददाता, बलिया : मोक्षदायिनी गंगा के विकरालता का कहर बरकरार है। उच्चतम बिदु को लगभग छू रही गंगा के आगोश में शहर के निचले इलाके तो पहले से ही थे कुछ अन्य मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी से लबालब इन मोहल्लों की स्थिति नारकीय हो गई है। बाढ़ की वजह से लोगों का रहना मुश्किल हो गया है।
हालांकि शनिवार को गंगा के जलस्तर में स्थिरता देखी गई, लेकिन बाढ़ की वजह से शहर के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शहर के महावीर घाट के निचला इलाका समेत निहोरा नगर व लाटघाट क्षेत्र पहले से ही टापू बने हुए थे कि शुक्रवार की रात बनकटा मोहल्ला व शनिचरी घाट रोड में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे यहां के बाशिंदों के सामने परेशानियों का पहाड़ खड़ा हो गया। इन जगहों पर बाढ़ का पानी फैलने से लोगों को रोजमर्रा का कार्य निपटाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है वहीं कई मोहल्ले के लोगों को घर की छतों पर रहना पड़ रहा है।
महावीर घाट गायत्री मंदिर के आस-पास के इलाके में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से काफी परेशानी हो रही है। खासकर दियारे क्षेत्र से आने वाले लोगों का जान जोखिम में डाल कर आवागमन करना पड़ रहा है। बाढ़ की वजह से इन क्षेत्रों के लोग अपने पशुओं को अब सुरक्षित ठौर देने की फिराक में शहर की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं शुक्रवार रात से शुरू हुए बढ़ाव के आगोश में आए बनकटा मोहल्ले की स्थिति ऐसी हो गई कि शनिवार को वहां लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा। लोगों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
यहां तक कि आने-जाने के लिए लोगों को अपने स्तर से नाव की व्यवस्था तक करनी पड़ रही है। इससे लोगों में काफी आक्रोश है। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की बिजली काट देने से भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोग पीने के पानी तक के लिए तरस रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक तो बाढ़ की वजह से पहले से ही परेशानी का आलम है वहीं पीने का पानी नहीं मिलने से असह्य हो गया है। शहर से सटे बंधे के बराबर बाढ़ का पानी होने से लोगों की चिता और बढ़ गई है।