कोरोना को हराकर जनता की सेवा में फिर जुटे चिकित्सक संतोष
जागरण संवाददाता बलिया हिम्मत और समझदारी से कोरोना को हराया जा सकता है। इसके उदाहर
जागरण संवाददाता, बलिया : हिम्मत और समझदारी से कोरोना को हराया जा सकता है। इसके उदाहरण के रूप में हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंदह पर तैनात आयुष चिकित्सक संतोष कुमार मिश्र। वह 22 सितंबर को मरीजों का उपचार करने के क्रम में पाजिटिव हो गए थे। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। समझदारी का परिचय देते हुए अपना उपचार कराया और दोबारा ड्यूटी पर लौटे आए।
कोरोना पाजिटिव होने के बाद के अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि कोरोना को लेकर मन के अंदर डर पालने से भी मरीज की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में चिता करने से ज्यादा समझदारी से अपना उपचार और जांच कराने की जरूरत है। कोविड-19 की दवा जब तक नहीं आ जाती, हमारी लापरवाही घातक बन सकती है।
उन्होंने बताया कि शासन द्वारा दिए गए निर्देशों एवं बचाव के नियमों का पालन करते हुए होम आइसोलेशन में रहकर ही उन्होंने अपना उपचार किया। दो अक्टूबर को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद पुन: एक बार जनता की सेवा में जुट गए। उनके इस हिम्मत के देखते हुए गांधी जयंती पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था। डा. मिश्र का कहते हैं कि कोविड-19 का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे बचने के लिए मास्क से दूरी बनना उचित नहीं है। बार-बार साबुन से हाथ धोते रहने की आदत हमें डाल लेनी होगी। शारीरिक दूरी का पालन और भीड़ वाली जगह पर जाने से बचना होगा, तभी हम कोरोना को हरा सकते हैं।