गंगा व घाघरा में विलीन परिषदीय विद्यालयों का मामला गरमाया
जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) बेसिक शिक्षा की दशा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार की ओर
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : बेसिक शिक्षा की दशा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास धरातल पर नहीं दिख रहे हैं। हालांकि इसके लिए पूर्ववर्ती अधिकारियों ने प्रयास किया था लेकिन विभागीय लापरवाही व असहयोग के कारण उनका प्रयास रंग नहीं ला सका। इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह के पत्र पर तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने सीडीओ बीएन सिंह को शासनादेश के तहत गंगा व घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में एक दर्जन प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कराने का आदेश दिया था। इस बाबत 27 दिसंबर 2019 को बीएसए, बीईओ, ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधानों की बैठक भी हुई थी। परंतु कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल पाया। एक बार फिर इंटक नेता ने सीडीओ विपिन कुमार जैन से मुलाकात कर मामले से अवगत कराया है। मामला संज्ञान में आने के बाद सीडीओ ने बीएसए से रिपोर्ट देने को कहा था। परंतु आज तक विभाग द्वारा रिपोर्ट नहीं दी गई।
पिछले तीन नवंबर को जिलाधिकारी से मिल कर पूरी जानकारी देते हुए पहल करने की मांग की। जिलाधिकारी ने बीएसए को तत्काल इन विद्यालयों के लिए प्राक्कलन व प्रस्ताव देने का आदेश दिया। अब देखना दिलचस्प होगा कि जिलाधिकारी के आदेश का बेसिक शिक्षा विभाग पर क्या असर पड़ता है।
गौरतलब हो कि ये सभी विद्यालय शिक्षा क्षेत्र बेलहरी, बैरिया, मुरली छपरा व रेवती में खोले जाने हैं। उधर इंटक नेता विनोद सिंह ने बताया कि नवंबर के अंत तक यदि जिला प्रशासन इन विद्यालयों के पुनर्निर्माण का निर्णय नहीं लेता है दिसंबर के प्रथम सप्ताह से जिलाधिकारी आवास के सामने आमरण अनशन किया जाएगा।