खुराक नहीं, दस दिन में 10 बछड़ों ने तोड़ा दम
जागरण संवाददाता इंदरपुर (बलिया) गो आश्रय केंद्रों में निराश्रित पशुओं को ठीक से रखने के
जागरण संवाददाता, इंदरपुर (बलिया) : गो आश्रय केंद्रों में निराश्रित पशुओं को ठीक से रखने के लिए सरकार काफी खर्च कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से हालात चिताजनक बन चुके हैं। पशु तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। वृहद गो आश्रय केंद्र बछईपुर में दस दिन में दस से अधिक बछड़े दम तोड़ चुके हैं। बीमारी की हालत में कुछ अभी भी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। यहां उचित तरीके से चारा भी नहीं दिया जा रहा है। पशुओं की तबियत खराब होने पर समय से उपचार नहीं होने से बछड़े काल के गाल में समा जा रहे हैं। मृत बछड़ों को सड़क किनारे ही फेंक दिया जा रहा है। इससे राहगीर परेशान हो जा रहे हैं। बीमारियों का खतरा बना हुआ है। कुत्ते या अन्य जीव उन्हें नोच-नोच कर खा रहे हैं। इसको देखने के बाद बच्चे सहम जा रहे हैं। शुक्रवार को हर तरफ दुर्व्यवस्था दिखी। गो आश्रय केंद्र में एक बछड़ा गिरकर तड़प रहा था। देखभाल करने वाले गायब थे। स्थानीय निवासी देवानंद यादव व ग्राम प्रधान मनू खरवार ने बताया कि सूचना देने के बाद भी सरकारी चिकित्सक नहीं पहुंचते हैं। उपचार के अभाव में बछड़े मर रहे हैं।
हर हाल में ठीक कराई जाएगी व्यवस्था ----
खंड विकास अधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि पिछले दिनों निरीक्षण के दौरान व्यवस्था में सुधार के लिए संबंधित लोगों को निर्देशित किया गया था। गोआश्रय केंद्र की व्यवस्था हर हाल में ठीक कराई जाएगी। इसके लिए लिखा-पढ़ी की जाएगी।