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कपड़ा व्यवसाय पर कोरोना वायरस का ग्रहण

कपड़ा व्यवसाय पर कोरोना वायरस ने डाला ग्रहण व्यापारियों में झटपटाहट

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 07:00 PM (IST)
कपड़ा व्यवसाय पर कोरोना वायरस का ग्रहण
कपड़ा व्यवसाय पर कोरोना वायरस का ग्रहण

जागरण संवाददाता, बलिया: कोरोना वायरस के कारण शहर के बाजार में चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। कपड़ा बाजार में भी पिछले एक माह से अधिक समय से थोक व रिटेल का कारोबार पूरी तरह से ठप है। अब व्यापारी समझ नहीं पा रहे कि आखिर वह करें तो क्या करें। इस धंधे से जुड़े कारोबारियों की मानें करोड़ों का नुकसान हो गया है। कोरोना वायरस के बीच कारोबार पूरी तरह से धड़ाम हो गया है। इससे कारोबारियों की चिता अब दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वह समझ नहीं पा रहे है कि वे अपनी रोजी- रोटी चलाएं या कर्मचारियों को वेतन दें। इन पर दोहरी मार पड़ रही है। उनका मानना है कि इस कारोबार पर पहले ही मंदी छायी हुई थी। ऐसे में कोरोना से विकट स्थिति पैदा कर दी है।

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कारोबार ठप होने से कई तरह की दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है। हम कपड़े के छोटे-छोटे दुकानदार की पीड़ा सरकार को समझने चाहिए। आर्थिक स्थिति अब बिगड़ने लगी है ऊपर अपने परिवार का पेट भरने के साथ सहकर्मियों का भी भरण-पोषण की जिम्मेदारी अपने ऊपर है। कपड़े के दुकानदारों को भी सप्ताह में दो-तीन दिन कुछ घंटों के लिए दुकान खोलने की अनुमति देना चाहिए।

-मंजय सिंह, जिलाध्यक्ष -पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल।

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कोरोने के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिये देश में 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है। इसका असर कपड़ा व्यवसाय पर जबरजस्त पड़ा है। ऐसे में कुछ समय के लिए कपड़ा की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस समय दुकानदार कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे है। सरकार के नियमों का पालन करने को हम सभी तैयार है।

-संजीव श्रीवास्तव, स्नोह्वाइट सड़ी हाउस।

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कपड़ा व्यसाय के धंधे में पहले से ही मंदी चल रही थी। इसके बाद कोरोना वायरस ने संकट खड़ा कर दिया है। ऐसे में इतने महंगे शोरूम का किराया, बिजली शुल्क, स्टाफ का वेतन आदि कैसे मैनेज हो, इसकी चिता है। ऐसे में कुछ समय तक दुकान खुलने की अनुमति मिल जाए तो थोड़ी राहत मिले जाएगी।

-त्रिभुवन गुप्ता, प्रकाश सिन्थेटिक।

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कपड़ा व्यापार पहले से ही नुकसान में चल रहा था। अभी तो हम सभी गर्मी के कपड़ा मंगवाएं थे। ऐसे में कोरोना वायरस की महामारी ने और भी संकट पैदा कर दिया है। अब समझ में नहीं आ रहा क्या किया जाए। सरकार को कम से कम कुछ हम जैसे छोटे व्यापारियों पर भी ध्यान देना चाहिए।

-सुशील कुमार, अशीर्वाद रेडिमेड।


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