मुख्यमंत्री तक पहुंचा बलिया का हाईटेंशन तार हादसा
जनपद के शोभाछपरा में हाईटेंशन तार हादसे में दलजीत टोला के तीन
जागरण संवाददाता, बलिया : जनपद के शोभाछपरा में हाईटेंशन तार हादसे में दलजीत टोला के तीन युवकों की मौत के बाद यह प्रकरण मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। भवन टोला निवासी अरूण सिंह, चंदन सिंह, संसार टोला निवासी बादशाह यादव ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र देकर विद्युत विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते हुई मौत प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। प्रमुख सचिव ने अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया है।
शिकायतकर्ताओं ने 24 फरवरी को शोभाछपरा में हाईटेंशन तार हादसे में दलजीत टोला के निवासी अनुज कुमार सिंह पुत्र सुनील सिंह, सूर्यप्रकाश सिंह उर्फ छोटू पुत्र मिथिलेश सिंह उर्फ भूटेली, सोनू गुप्ता पुत्र महेंद्र साह के मौत का जिम्मेदार विद्युत विभाग के अधिकारियों को माना है। शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि इसके पहले भी पूर्व प्रधान रूबी सिंह व सूर्यभान सिंह की ओर से जर्जर तारों को ठीक कराने के लिए आला अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री द्वारा आदेश भी हुए थे लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट लगाकर गुमराह कर दिया गया। विभागीय भ्रष्टाचार के चलते ही 13 फरवरी 2019 में भी जर्जर तार के कारण सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन करने जा रहे भवन टोला निवासी दो युवक मयंकनाथ सिंह उर्फ मुनमुन सिंह (18) पुत्र धनंजय सिंह व छोटू सिंह (18) पुत्र सिधु सिंह की मौत हो गई। इसके बाद भी विभाग नहीं चेता। विभाग द्वारा ग्राम पंचायत कोड़रहा नौबरार में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण का कार्य किया गया लेकिन वह भी आधा अधूरा कर छोड़ दिया गया। शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि शोभाछपरा की घटना के बाद बैरिया थाने में स्थानीय अभियंता, एसडीओ बिजली विभाग, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा कायम हुआ है लेकिन इसमें अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
सामने आ सकती है यह लापरवाही
शोभाछपरा में विद्युत उपकेंद्र ठेकहा से सप्लाई दी जाती है। जिस वक्त हाईटेंशन तार टूटकर गिरा उपकेंद्र से बिजली स्वत: कट हो जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विभाग के कर्मचारी भी उपकेंद्रों पर यह व्यवस्था होने की बात बताते हैं। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी खुद को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।