मनरेगा में लगेंगे महिला समूहों के सिटीजन इन्फारमेशन बोर्ड
बलिया में सीआइ बोर्ड की स्थिति 27 महिला समूह करातीं निर्माण 570 बोर्ड इस साल बनाए गए 279 बोर्ड
बलिया में सीआइ बोर्ड की स्थिति 27 महिला समूह करातीं निर्माण
570 बोर्ड इस साल बनाए गए
279 बोर्ड की बिक्री हुई
10 लाख का समूहों का टर्न ओवर
72 लाख के सीआइ बोर्ड की जरूरत संग्राम सिंह, बलिया
मनरेगा के जो कार्य पूरे होते हैं, वहां पर सिटीजन इन्फारमेशन बोर्ड (सीआइबी) लगाने का शासनादेश है, इसमें पूर्ण हुई कार्ययोजना का विवरण होता है। अभी तक बोर्ड की आपूर्ति ठेके पर की जाती है। कार्यदायी एजेंसी ग्राम और क्षेत्र पंचायतों को आपूर्ति करती हैं। दो साइज के बोर्ड इस्तेमाल होते हैं, बड़े और छोटे। इनकी कीमत क्रमश : तीन और पांच हजार रुपये है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बलिया समेत प्रदेश के कई जिलों को आदेश जारी किया है। कहा है कि अब इसकी आपूर्ति महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ही कराया जाएगा। जिले के 17 ब्लाकों में 27 महिला समूह बोर्ड निर्माण में जुटी हैं। करीब 220 महिलाएं जुड़ी हैं, लेकिन इनके उत्पाद को वर्तमान समय में सही बाजार नहीं मिल पा रहा है। अभी वह आर्डर पर सीमेंट युक्त बोर्ड तैयार करतीं हैं। अब शासन ने ठेका प्रथा खत्म कर दिया है। अब उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन ने ऐसे समूहों की सूची मांगी है, शासन उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से बड़ा वर्क आर्डर जारी करने की तैयारी में है। मनियर और गड़वार में सर्वाधिक बिक्री
: मनरेगा के लिए सिटीजन इन्फारमेशन बोर्ड की सर्वाधिक बिक्री इस समय मनियर व गड़वार ब्लाक में हो रही है। यहां पर 226 बोर्ड बिके हैं, महिलाएं अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कसरत करने में जुटी हैं। वह बाजार चाहती हैं, ताकि उनके उत्पाद हाथों-हाथ बिक जाएं। कहां कितने समूह कारोबार में जुटे
: नगरा में चार, बैरिया-बांसडीह-बेलहरी-बेरूआरबारी-रेवती-सीयर व सोहांव में दो-दो जबकि चिलकहर-दुबहड़-गड़वार-हनुमानगंज-मनियर-मुरलीछपरा-नवानगर-पंदह और रसड़ा ब्लाक में एक-एक महिला समूह। 17 ब्लाकों में 1800 बोर्ड की खपत
: चालू वित्तीय वर्ष में 17 ब्लाकों में मनरेगा से करीब 1800 सीआइ बोर्ड लगाए गए हैं।72 लाख का भुगतान ठीकेदारों को किया गया है। बोर्ड में परियोजना का नाम, कार्य की पहचान संख्या, कार्य शुरू व समाप्त की तारीख, सामग्री व श्रम पर व्यय राशि, सृजित मानव दिवस, माप, मजदूरी दर व कार्यदायी संस्था का नाम व संपर्क नंबर दर्ज किया जाता है। कंक्रीट से तैयार होता है बोर्ड, निर्माण में लगते 10 दिन
: बालू, सरिया, गिट्टी व सीमेंट के मिक्सर से करीब 10 दिन में एक बोर्ड तैयार होता है। बड़े साइज का बोर्ड 60 इंच लंबा और 35 इंच चौड़ा होता है, जबकि छोटे साइज का बोर्ड 50 इंच लंबा व 32 इंच चौड़ा होता है। जय मां काली समूह संबलपुर रसड़ा की तारा देवी ने बताया कि अभी वह बाजार में बोर्ड की बिक्री करती हैं, अगर मनरेगा में आपूर्ति होगा तो निश्चित रुप से कारोबार बढ़ जाएगा। समूहों की ओर से तैयार सीआइ बोर्ड को इस्तेमाल शासन ने मनरेगा के परियोजनाओं में करने का आदेश दिया है। इसके लिए समूहों की सूची शासन को भेजी जा रही है। उनका उत्पादन और कैसे बढ़ाया जाए, इसके लिए प्रशिक्षण भी आयोजित किए जाएंगे।
- अभिषेक आनंद सिंह, जिला मिशन प्रबंधक, उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन