कृत्रिम क्रीम से केक, वनस्पति वसा से बनाया देसी घी
खाद्य पदार्थों की जांच एक अप्रैल 2020 से जनवरी 21 तक 159 सैंपल भेजे 121 फेल 57 अधोमानक
खाद्य पदार्थों की जांच
एक अप्रैल 2020 से जनवरी 21 तक
159 : सैंपल भेजे
121: फेल
57 : अधोमानक
41: मिथ्या छाप
23 : असुरक्षित एक अप्रैल 2019 से मार्च 20 तक
285 : सैंपल भेज
163 : फेल हुए
100 : अधोमानक
53 : मिथ्या छाप
10 : असुरक्षित
जागरण संवाददाता, बलिया : क्या आपका बर्थडे निकट है। सेलीब्रेट करने की सोच रहे हैं। केक खाएंगे और अपने शुभेक्षुओं को भी खिलाएंगे। ऐसा है तो यह खबर आपके लिए ही है। शहर के सुभाषनगर स्थित एक बेकरी शॉप से 17 दिसंबर 2020 को केक का नमूना लिया गया था। यह केक क्रिसमस के लिए उपभोक्ता ने आर्डर किया था। केक संदिग्ध था, उसका रंग काला पड़ गया था। उसका नमूना जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजा गया। इसी हफ्ते आई जांच रिपोर्ट में सेंपल फेल गया। केक में कृत्रिम क्रीम की मिलावट किए जाने की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों की मानें तो इसके अत्यधिक सेवन से इंसान का दिल धड़कना बंद हो सकता है। किडनी भी फेल हो सकती है। सिर्फ यही दुकान नहीं, बल्कि ऐसे पांच अन्य दुकानदारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश हुए हैं। मुकदमा दर्ज होगा। वनस्पति वसा को फेटकर तैयार किया क्रीम
केक में दूध की क्रीम की जगह कृत्रिम क्रीम का इस्तेमाल किया गया था। इसमें वनस्पति वसा को फेटकर क्रीम की तरह तैयार किया जाता है। देसी घी का भी एक सैंपल फेल हुआ है, वनस्पति वसा का प्रयोग मिला है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के आयुक्त को साक्ष्य भेज दिए गए हैं। यह सैंपल शहर के स्टेडियम तिराहा, बहेरी, घनश्याम नगर, त्रिकालपुर व जेपी नगर स्थित पांच दुकानों के फेल हुए हैं। कृत्रिम क्रीम के सेवन से पेट की बीमारियां होती हैं। इससे आंत में इंफेक्शन भी होता है। बाहरी वसा की अधिक मिलावट से किडनी व हृदय पर भी असर पड़ता है। --- डा. तोशिका सिंह, फिजीशियन, जिला अस्पताल दिसंबर में क्रिसमस से पहले केक की दुकानों से 12 सैंपल लिए गए थे। इनमें आधे सैंपल फेल हो गये हैं। रिपोर्ट आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ भेज दी गई है। --- दीपक श्रीवास्तव, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी