सीएचसी सोनबरसा बदहाल, तीन लाख आबादी मुश्किल में
सरकार स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने में लगी है लेकिन जनपदीय
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सरकार स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने में लगी है लेकिन जनपदीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते कही भी सीएचसी या पीएचसी केंद्र सही हाल में नहीं हैं। इसका उदाहरण सीएचसी सोनबरसा है। अस्पताल पर लगभग तीन लाख की आबादी का लोड है। हर दिन लगभग एक हजार मरीज यहां उपचार के लिए पहुंचते हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाए जाने के प्रति गंभीर नहीं हैं।
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छोटे रोग में भी जाना पड़ता बाहर
अस्पताल में संसाधनों का अभाव तो है ही, अब चिकित्सकों के अभाव में के कारण भी लोगों को छोटे रोग के उपचार के लिए भी मरीजों को कहीं अन्यत्र जाना पड़ रहा है। यहां एक महिला चिकित्साधिकारी का पद रिक्त पड़ा हुआ है। छह माह पहले एक महिला चिकित्साधिकारी की पोस्टिग भी हुई तो उन्होंने कार्य भार ही ग्रहण नहीं किया। अब किसी भी गंभीर रोग में मरीजों को रेफर करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं।
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जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
से बुरा हाल
सोनबरसा के सीएचसी पर जिनता लोड है, उस अनुपात में यहां हर हाल में महिला चिकित्साधिकारी की तैनाती होनी चाहिए लेकिन जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण अस्पताल के प्रति विभाग भी लापरवाह है।
-अजय सिंह
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-यहां महिला चिकित्साधिकारी की पोस्टिग आवश्यक है कितु सरकार में बैठे लोगों में इच्छा शक्ति की कमी के कारण यह अस्पताल दुर्दशा का शिकार है।
-अंगद मिश्र
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-सोनबरसा अस्पताल में महिला चिकित्साधिकारी सहित संसाधन की कमी पर कभी कोई गंभीर नहीं होता। यहां पिछले दिनों जिलाधिकारी भी निरीक्षण किए थे लेकिन कुछ सुधार नहीं हुआ।
-रामेश्वर पांडेय
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स्थानीय जनप्रतिनिधि इस अस्पताल पर कोई ध्यान नहीं देते। इस वजह से विभाग भी संसाधन बढ़ाने की दिशा में गंभीर नहीं है। द्वाबा के मरीज बाहर जाकर अपना उपचार कराने को विवश हैं।
-अरविद सिंह सेंगर