कर्ज के दबाव में व्यापारी ने खाया जहर, मौत
बलिया सदर कोतवाली क्षेत्र के चमन सिंह बाग रोड़ स्थित टाटा नमक की एजेंसी के मालिक सुनील गुप्ता ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया। बैकों का लाखों का कर्ज व पार्टनर द्वारा बार-बार पैसों का दबाव बनाने से परेशान चल रहे थे। दुकान पर अचानक उल्टी व बेसूध होने पर कर्मचारियों ने अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार के दौरान मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। इसकी जानकारी होते ही अस्पताल पर व्यापारियों का तांता लगा रहा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेका पोस्मार्टम के लिए भेज दिया।
जागरण संवाददाता, बलिया : कर्ज में डूबे शहर के टाटा नमक के एजेंसी संचालक सुनील गुप्ता उर्फ गुड्डू (40) ने बुधवार की दोपहर में चमन सिंह बाग रोड स्थित अपनी दुकान पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इससे उसके परिवार में कोहराम मच गया। दिनदहाड़े हुई इस घटना से व्यापारी वर्ग पूरी तरह से अवाक हो गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
महावीर घाट निवासी घनश्याम कालोनी के रहने वाले सुनील गुप्ता चमन सिंह बाग रोड में टाटा नमक की एजेंसी का संचालन करते थे। इधर बीच वे धंधे के लिए कई बैंकों से लोन भी लिए हुए थे। इसी बीच लोहापट्टी मोहल्ले के रहने वाले साथी राजेश ने दस लाख रुपये के आसपास देकर इस व्यवसाय में पार्टनर बने बने हुए थे। कुछ दिनों से इस धंधे की हालत काफी खराब चल रही थी। एक तरफ बैंक का लोन दूसरी तरह पार्टनर द्वारा बार-बार अपने पैसों की मांग किया जाना लगा। इससे सुनील पूरी तरह से टूट गया था। कई दिनों से वह परेशान चल रहा था। सुबह वह घर से अपनी दुकान पर आया। इसके बाद वह कर्ज के दबाव में दुकान के अंदर ही विषाक्त पदार्थ खा लिया। इसकी हालत खराब होते देख कर्मचारी तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। साथ ही परिवार वालों को सूचना दिए। अस्पताल में इलाज के दौरान व्यापारी ने दम तोड़ दिया। परिवार में कोहराम मच गया। देखते ही देखते काफी संख्या में व्यापारी जिला अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
-परिजनों का आरोप पार्टनर के कारण आया कर्ज में
मृतक व्यापारी सुनील की पत्नी रेखा गुप्ता ने रो-रोकर बताया कि उनके पति के मित्र ने दस लाख रुपये दिए थे। इसके बाद वह दबाव बनाकर पति की नई कार ले लिए थे। नई गाड़ी लेने के बाद भी आए दिन और पैसे के लिए दबाव बना रहे थे। इसी बीच दीपावली की साफ-सफाई के दौरान दुकान में एक पुरानी पर्ची मिली। इसमें सुनील ने अपने पार्टनर को कुछ माह पूर्व में ही बीस लाख रुपये दिया था। सुनील ने उस पर्ची को पार्टनर को दिखाकर अब पैसा देने से मना कर दिया था। इस पर्ची का उसके पार्टनर ने फर्जी बताया और पैसे की मांग करता रहा। इससे सुनील को काफी सदमा लग गया था। इधर बीच वह काफी परेशान रह रहे थे। इसी परेशानी के कारण जहर खाकर आत्महत्या कर लिए। इधर मृतक के बड़े भाई शंभूनाथ ने बताया की गुड्डू का व्यवसाय बहुत बढि़या चल रहा था। जब से उसका साथ पार्टनर से हुआ है तब से धंधा की स्थिति निरंतर खराब होने लगी। जो व्यवसाय वह 90 लाख रुपये में शुरू किया था, आज पार्टनर के कारण उससे ज्यादा कर्ज हो गया है। इस घटना से पूरा परिवार टूट गया है।