मुस्लिम महिला का रक्त पाकर चहक उठी ब्राह्मणी
धर्म व संप्रदाय के नाम पर जहां देश भर में सियासत का बाजार गर्म है। वहीं जिले की गंगा-जमुनी तहजीब आज भी कायम है। यहां के लोग इस तहजीब को मजबूती देने में हर वक्त तत्पर रहते हैं।
जागरण संवाददाता, बलिया : धर्म व संप्रदाय के नाम पर जहां देश भर में सियासत का बाजार गर्म है, वहीं जिले की गंगा-जमुनी तहजीब आज भी कायम है। यहां के लोग इस तहजीब को मजबूती देने में हर वक्त तत्पर रहते हैं। इसकी मिसाल जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में बुधवार को देखने को मिली जहां खून की कमी से मौत से जूझ रही एक हिदू गर्भवती महिला को मुस्लिम महिला ने अपना खून देकर न सिर्फ उसकी जान बचाई, बल्कि धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को करारा जवाब भी दिया। इसकी जानकारी होते ही सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।
तिखमपुर निवासी गोपाल उपाध्याय की पत्नी मनीषा पांडेय प्रसव पीड़ा में थी। चिकित्सकों ने ऑपरेशन करने की सलाह दी, लेकिन ब्लड कम होने के कारण कोई चिकित्सक ऑपरेशन करने को तैयार नहीं था। मनीषा का ब्लड ग्रुप एबी निगेटिव होने के कारण लाख प्रयास के बाद भी खून की व्यवस्था नहीं हो पाई। किसी माध्यम से गोपाल उपाध्याय ने रक्तवीर सागर सिंह राहुल से संपर्क साधा और मदद की गुहार लगाई।
सागर सिंह ने इसके लिए सभी रक्तवीरों से संपर्क किया, लेकिन इस ग्रुप के किसी भी सदस्य का खून मैच नहीं किया। इसी बीच सागर ने गुदरी बाजार निवासी नये रक्तदाता राजू खान से संपर्क किया। राजू की पत्नी सिम्मी शेख का ब्लड ग्रुप एबी निगेटिव था। लिहाजा परोपकार का अवसर पाकर दंपती ने खुशी-खुशी हामी भर दी और आननफानन जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचकर सिम्मी ने रक्तदान कर ब्राह्मण परिवार की बहू समेत गर्भस्थ शिशु की जान बचा ली।