बाढ़ में बहकर आई काली मिट्टी, अच्छी होगी रबी की फसल
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): गंगा के बाढ़ से करोड़ों की खरीफ की फसल नष्ट हो गई,
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): गंगा के बाढ़ से करोड़ों की खरीफ की फसल नष्ट हो गई, लाखों लोगों असुविधा झेलनी पड़ी ¨कतु इसके उलट मझौवां सहित गंगा उस पार के उत्तर प्रदेश के खेतों जहां मिट्टी खेती के लिए कमजोर थी, वहां इस बार काली व उपजाऊ मिट्टी गंगा के बाढ़ में आ गई है। इससे अब इस क्षेत्र में गंगा पार के खेतों में रबी की फसलों की अच्छी उपज की उम्मीद किसानों में जगी हुई है। गंगा के कटान में दशकों पूर्व विलीन हो चुके गांवों को अब गंगा छोड़ चुकी है, जहां मझौवां, नारायणपुर, गायघाट सहित दर्जन भर गांव थे, वे गंगा में समा गए थे। तब लोगों ने अपना आशियाना दूसरे जगह बना लिया था। नदी की धारा बदलने के साथ ही गंगा और दक्षिण दिशा में चली गई है। इन गांवों की जमीन गंगा के कटान के जद से बाहर हो चुकी है। वहीं हजारों एकड़ खेत भी अब कटान में नहीं हैं। 2016 की बाढ़ में इन खेतों में बलुई मिट्टी गंगा के बाढ़ के साथ आ गई थी, जिससे रबी की फसल अच्छी नहीं हो रही थी ¨कतु इस बार काली मिट्टी गंगा की धारा के साथ आ गई है, जिससे किसान बहुत खुश हैं। किसान मानते हैं कि जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा से जहां नुकसान होता है, वहां किसी और रुप में फायदा भी होता हैं। जो खेत बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं, उन खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और बिना रासायनिक खाद के वहां रबी की फसल की अच्छी पैदावार होती है। इस बार काली मिट्टी आने से किसान खुश हैं और बार-बार मां गंगा का इसके लिए नमन कर रहे हैं।