बेहतर हो रही स्वास्थ्य सेवाएं, 22 वें स्थान पर पहुंचा जनपद
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसपी राय ने कहा कि आयुष्मान योजना का गोल्डेन कार्ड 15 हजार लाभर्थियों में वितरित किया जा चुका है। इससे जनपद पूर्वाचल के कुल 19 जिलों में दूसरे स्थान पर हैं। यहां आयुष्मान योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल एक लाख 4
जागरण संवाददाता, बलिया : गुरुवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एसपी राय पाठकों के सवालों से रुबरु रहे। प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में सीएमओ ने बताया कि आयुष्मान योजना का गोल्डेन कार्ड अब तक 15 हजार लाभर्थियों में वितरित किया जा चुका है। जनता तक योजना का लाभ पहुंचाने व कार्ड वितरण में बलिया जनपद पूर्वाचल के कुल 19 जिलों में दूसरे स्थान पर है। यहां आयुष्मान योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल एक लाख 48 हजार 776 व शहरी क्षेत्रों में 30 हजार 57 लाभार्थी हैं। इनका चयन वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हुआ है।
जब लोगों ने यह सवाल उठाया कि कई ऐसे पात्र हैं जिनका नाम सूची में नहीं है तो सीएमओ ने कहा कि शासन के निर्देश पर 18 हजार 500 नए पात्रों का चयन कर सूची शासन को भेजी गई है। इस योजना का लाभ भी लोग तेजी से ले रहे हैं। इस उपलब्धि पर जनपद के दो लोगों को स्वास्थ्य मंत्री ने सम्मानित किया है। लाभार्थियों ने योजना के तहत अपना कैंसर तक का उपचार कराया है। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य सेवा के मामले में सदैव प्रदेश पीछे रहने वाला जिला बलिया अब 22वें स्थान पर है। विभिन्न मदों में धन खर्च न कर पाने को लेकर कुछ दिक्कते हैं अन्यथा यह जिला 10वें स्थान पर रहता। सीएमओ संग पाठकों के सवाल-जवाब के प्रमुख अंश प्रस्तुत हैं-: प्रश्न : किसी दिव्यांग का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा। पूरी प्रक्रिया बताएं।
उत्तर : हर सोमवार को सीएमओ कार्यालय पर फार्म जमा होता है। उसके बाद डाक्टरों की टीम दिव्यांग व्यक्ति का मेडिकल परीक्षण करती है। तदनंतर पात्र व्यक्ति को प्रमाण पत्र दे दिया जाता है।
प्रश्न: स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों के आने-जाने का समय क्या है। नर्स भी सिर्फ बुधवार को ही क्यों आती हैं।
उत्तर : स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक सुबह आठ बजे से दो बजे तक रहते हैं। नर्स टीकाकरण के दिन पहुंचती हैं। बाकी दिन क्षेत्र का भ्रमण कर अलग-अलग कार्यक्रमों पर काम करती हैं।
प्रश्न : दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने में प्रतिशत कम है जबकि मैं उससे ज्यादा का पात्र हूं। अब क्या उपाय है।
उत्तर : दिव्यांग प्रमाण पत्र डाक्टरों की टीम द्वारा परीक्षण के बाद ही बनाया जाता है। उसमें उनके द्वारा तय मापदंड पर ही प्रतिशत दिया जाता है।
प्रश्न : ट्रामा सेंटर क्यों नहीं शुरू हो रहा है।
उत्तर : अब बहुत जल्द ट्रामा सेंटर शुरू होगा लेकिन समस्या यह है कि डाक्टरों की कमी है। ट्रामा सेंटर में जो मशीने हैं उनके लिए संबंधित विभाग के डाक्टर ही नहीं है। शासन को इसके लिए भी पत्र लिखा गया है।
प्रश्न : सोनबरसा स्वास्थ्य केन्द्र पर रात में उपचार कराने जाने पर तैनात कर्मचारी पैसा मांगते हैं। न देने पर रेफर करने की धमकी देते हैं।
उत्तर : इसकी लिखित शिकायत दें, जांच कराने के बाद दोषी कर्मचारी पर हर हाल में कार्रवाई होगी।
प्रश्न : जिला अस्पताल के आस-पास बहुत सारे फर्जी तरीके से नर्सिंग होम खुले हैं। ये लोग आए दिन मरीजों का शोषण करते हैं। इन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती।
उत्तर : समय-समय पर हमेशा अभियान चलाकर कार्रवाई होती रहती है। जो लोग गलत हैं उन पर कभी भी नरमी नहीं बरती जाती।
प्रश्न : जिला अस्पताल में उपचार को लेकर इतना बवाल क्यों होता है।
उत्तर : डाक्टर भी इंसान हैं, उनसे सभी को बातचीत अच्छी तरह से करनी चाहिए। संवादहीनता को लेकर भी अस्पताल में कुछ बवाल होते हैं।
--इन्होंने पूछे प्रश्न
चंदन पाण्डेय आवास विकास कालोनी, पिन्टू गुप्ता कोट, उत्तम बेल्थरा रोड़, रवींद्र नाथ अपायल, सत्य प्रकाश सिकन्दरपुर, सुनिल मिश्रा अधिवक्ता अधिवक्ता नगर, राजकुमार गुप्ता सुरेमनपुर, मंजय ¨सह गुरुद्वारा रोड, सत्योंद्र ¨सह पकड़ी, रोशन यादव जयप्रकाशनगर, बिटू ¨सह बैरिया आदि।