Balia Murder Case: बलिया में पुलिस को धीरेंद्र प्रताप सिंह की तलाश, आज होगा जयप्रकाश का अंतिम संस्कार
Balia Murder Case बलिया के दुर्जनपुर गांव में गुरुवार को दिन में जिले के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में कोटा आवंटन के दौरान वाद-विवाद के बाद पथराव तथा फायरिंग में जयप्रकाश पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित धीरेंद्र सिंह फरार है।
बलिया, जेएनएन। बागी धरती माने जाने वाले बलिया में गुरुवार को दिन में कोटा आवंटन के दौरान एसडीएम व सीओ के साथ ही पुलिस फोर्स की मौजूदगी में एक शख्स की हत्या करने वाला धीरेंद्र प्रताप सिंह अभी भी फरार है। पुलिस की एक दर्जन से अधिक टीमें उसकी तलाश में लगी है। भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह को बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी बताया जा रहा है।
बलिया के दुर्जनपुर गांव में गुरुवार को दिन में जिले के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में कोटा आवंटन के दौरान वाद-विवाद के बाद पथराव तथा फायरिंग में जयप्रकाश पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित धीरेंद्र सिंह फरार है। उसकी तलाश काफी तेजी से चल रही है, बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स उसके घर के पास भी तैनात है। जिले में 12 पुलिस की टीमें धीरेंद्र सिंह की धरपकड़ में जुटी हैं। धीरेंद्र के साथ ही उसके परिवार के सभी लोग घर छोड़कर फरार हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह आर्मी से रिटायर है और विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ में रहता है।
डीआइजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे के साथ ही आजमगढ़ के कमिश्नर भी गांव में कैंप कर रहे हैं। इसी बीच आज दिन में मृतक जय प्रकाश पाल का पचरुखिया घाट पर अंतिम संस्कार होगा।
मृतक के भाई का कहना है कि जब धीरेंद्र प्रताप और उसके लोग पत्थरबाजी के साथ फायरिंग कर रहे थे तो पुलिस उनको बचाने का प्रयास कर रही थी और मृतक पक्ष के लोगों को पीटकर भगा रही थी। भाई ने यह भी आरोप लगाया है कि वारदात के बाद पुलिस ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी को पकड़ लिया था लेकिन बाद में उसे भीड़ से बाहर ले जाकर छोड़ दिया।
आरोपी का भागना स्थानीय पुलिस की लापरवाही: डीआईजी
डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि जानकारी मिली है कि जिस हथियार की फायरिंग से शख्स की मौत हुई है वह लाइसेंसी रिवॉल्वर थी। इसकी जांच आरोपी के पकड़े जाने और पिस्टल की रिकवरी के बाद ही हो पाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी स्पष्ट हो जाएगा की गन शॉट की इंजरी किससे हुई है। सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि मृतक के भाई ने बताया गया है कि पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था इसके बाद भीड़ का फायदा उठाकर वह भाग गया। यह निश्चित रूप से पुलिस की लापरवाही है और इस पर सख्त एक्शन होगा।
गौरतलब है कि बलिया के दुर्जनपुर गांव में गुरुवार को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान पुलिस की मौजूदगी में एक पक्ष की ओर से की गई फायरिंग में गोली लगने से दुर्जनपुर पुरानी बस्ती के जयप्रकाश उर्फ गामा पाल (46 वर्ष) की मौत हो गई। विवाद के दौरान चले ईंट-पत्थर से तीन महिलाओं समेत सात लोग घायल हो गए। गांव में तनाव को देखते हुए फोर्स तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह के साथ ही घटना के दौरान मौजूद रहे सभी आठ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच डीएम श्रीहरि प्रताप शाही करेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोपितों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
गांव से भाग निकले एसडीएम व सीओ
आरोप है कि विवाद बढऩे पर स्थिति संभालने की जगह पर एसडीएम व सीओ गांव से निकल गए। बलिया के पुलिस अधीक्षक देवेंद्रनाथ दुबे ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने मृतक के भाई चंद्रमा पाल की तहरीर पर मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह डबलू, नरेंद्र प्रताप सिंह, प्रयाग सिंह, प्रभात प्रताप सिंह, यशवंत सिंह, देवेंद्र सिंह, अमरजीत यादव व संतोष यादव सहित 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।