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बेहतर स्वास्थ्य के लिए डिब्बा बंद पदार्थो से करें परहेज

कुपोषण की समस्या के लिए किसी एक कारक को जिम्मेदार ठहराना शायद उचित नहीं है। इसके लिए रहन-सहन तो जिम्मेदार है ही काफी हद तक खानपान की बदलती प्रवृत्ति भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। भगदौड़ भरी जिदगी में खानपान पर ध्यान न देने से स्वास्थ्य पर बूरा प्रभाव पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 12:44 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 12:44 AM (IST)
बेहतर स्वास्थ्य के लिए डिब्बा बंद पदार्थो से करें परहेज
बेहतर स्वास्थ्य के लिए डिब्बा बंद पदार्थो से करें परहेज

जागरण संवाददाता, बलिया : कुपोषण की समस्या के लिए किसी एक कारक को जिम्मेदार ठहराना शायद उचित नहीं है। इसके लिए रहन-सहन तो जिम्मेदार है ही काफी हद तक खान-पान की बदलती प्रवृत्ति भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। भागदौड़ भरी जिदगी में खान-पान पर ध्यान न देने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। आधुनिकता की दौड़ में लोग पौष्टिक आहारों को छोड़ कर बाजारू सामान को ज्यादा पसंद करने लगे हैं।

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खासकर नए खयालात के लोगों में यह प्रवृत्ति कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रही है। जिसका असर कहीं न कहीं स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। डिब्बा बंद भोज्य पदार्थों के साथ ठंडे पेय पदार्थो का उपयोग तो विशेष खतरनाक साबित हो रहा है। इससे कई प्रकार के विकार भी पैदा हो रहे हैं, इसके बावजूद व्यक्ति अपने जीवन शैली में परिवर्तन करने को राजी नहीं है। इससे न सिर्फ युवा वर्ग प्रभावित है, अपितु कामकाजी महिलाएं भी इसकी चपेट में आ चुकी हैं। बेहतर स्वास्थ्य के भ्रम में लोगबाग ऐसे पदार्थो का सेवन करने लगे हैं जो उत्तम स्वास्थ्य की सोच को खत्म कर दे रहा है।

इस बाबत डा. तोषिका सिंह ने बताया कि खान-पान की शैली में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। जंक फूड व डिब्बाबंद खाद्य पदार्थो से बीमारियां सौगात में मिल रही हैं। सुपोषण के लिए खान-पान में बदलाव करना बेहद जरूरी है। प्रोटीन, वसा और विटामिन युक्त भोजन थाली से दूर होता चला जा रहा है। प्रोटीन, वसा व विटामिनयुक्त भोजन का सेवन बच्चों व महिलाओं के साथ बड़ों को भी कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित रखता है। भागदौड़ भरी जिदगी में आहार ही शरीर को आवश्यक उर्जा प्रदान करता है। शरीर पोषक तत्वों को भोजन से निकाल कर शरीर के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें भी खास बात यह है कि एक ही आहार हर किसी के लिए संतुलित नहीं हो सकता, क्योंकि सबकी शारीरिक जरूरतें अलग-अलग होती हैं। सेहत के लिए ये हैं हानिकारक

डा. तोषिका सिंह ने बताया कि आजकल बर्गर, पिज्जा, रोल, चाउमीन, कोल्डड्रिक आदि लोगों के दिलोदिमाग पर छाया हुआ है। कामकाजी लोग भी घर से लंच लाने की बजाए इन वस्तुओं का सेवन करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यूं कहें कि ये खाद्य पदार्थ खान-पान पर पूरी तरह हाबी हो चुके हैं। लोग पौष्टिक आहार को कम, फास्ट फूड या जंक फूड को ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं, लेकिन ये जंक फूड सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं इसका अंदाजा शायद किसी को नहीं है। मैदा और तेल से बने ये जंक फूड सबसे पहले हमारी पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं जो बीमारियों का घर है। इनसे बचें तो मिलेगी अच्छी सेहत

डा. तोषिका ने बताया कि कैफीनयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे कॉफी, चाय, कोला और चॉकलेट तो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं ही, महीन आटा, नमक, संतृप्त वसा व डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के सेवन से तनाव बढ़ता है। लिहाजा इन पदार्थों से परहेज जितना किया जाए उतना ही अच्छा होगा। स्वस्थ जीवन के लिए खान-पान और दिनचर्या पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है, क्योंकि खान-पान में गड़बड़ी से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।


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