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सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज नहीं, बढ़ा संकट

जासं, बैरिया (बलिया) : क्षेत्र के किसी भी सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध न होने से गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जीवन रक्षक दवाओं का भी सरकारी अस्पतालों में घोर अभाव है। मजबूरी में डाक्टर रोगियों को बाहर की दवा लिख रहे हैं। नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयप्रकाशनगर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीछपरा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुआरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णछपरा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर दूबेछपरा सहित क्षेत्र के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। यहां जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव है। पूछने पर चिकित्साधिकारी बताते हैं कि डिमांड भेजने के बावजूद जिला मुख्यालय से संबंधित सुई व दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों व राजकीय आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी दवाओं का टोटा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 07:45 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज नहीं, बढ़ा संकट
सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज नहीं, बढ़ा संकट

जासं, बैरिया (बलिया) : क्षेत्र के किसी भी सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध न होने से गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जीवन रक्षक दवाओं का भी सरकारी अस्पतालों में घोर अभाव है। मजबूरी में डाक्टर रोगियों को बाहर की दवा लिख रहे हैं।

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नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयप्रकाशनगर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीछपरा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुआरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णछपरा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर दूबेछपरा सहित क्षेत्र के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। यहां जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव है। पूछने पर चिकित्साधिकारी बताते हैं कि डिमांड भेजने के बावजूद जिला मुख्यालय से संबंधित सुई व दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों व राजकीय आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी दवाओं का टोटा है।


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