बलिया को चाहिए उड़ान, इसलिए एयरपोर्ट की मांग
जागरण संवाददाता बलिया बलिया महर्षि भृगु की धरती है। इसी धार्मिक स्थल पर प्रसिद्ध ददरी मेला लगत
जागरण संवाददाता, बलिया : बलिया महर्षि भृगु की धरती है। इसी धार्मिक स्थल पर प्रसिद्ध ददरी मेला लगता है। इसी मेले में वर्ष 1884 में पूर्णिमा के दिन खड़ी बोली हिंदी के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र पहुंचे थे और भारतवर्षोन्नति का मूल मंत्र दिया था। 34 साल चार महीने की अल्पायु पाने वाले भारतेंदु की यह यात्रा भारतीय इतिहास का अविस्मरणीय प्रसंग है। यह सिर्फ मेला नहीं, गंगा की जलधारा को अविरल बनाए रखने के लिए ऋषि मुनियों के प्रयास का जीवंत प्रमाण भी है। वैदिक काल में महर्षि भृगु ने सरयू नदी की जलधारा को अयोध्या से अपने शिष्य दर्दर मुनि के द्वारा बलिया में संगम कराया था। बड़ा धार्मिक महत्व रखने के बावजूद भी यह जिला वाराणसी और प्रयागराज की तरह हर सुविधा से संपन्न नहीं हो पाया। बलिया के व्यापारी, विशिष्ट जन या महानगरों में रहने वाले बलिया के लोग बलिया में एयरपोर्ट के पक्ष में अपनी राग अलाप रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कभी इस दिशा में पहल नहीं की। इससे बलिया के लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। दूर के पर्यटक भी सुविधा के अभाव में ही बलिया के धार्मिक स्थलों तक नहीं पहुंच पाते। पर्यटक उसी स्थान का चयन करते हैं, जहां विमान सेवाएं उपलब्ध होती हैं। -----वर्जन ------
--बलिया का विकास काशी और प्रयागराज की तरह होना चाहिए। बलिया में एयरपोर्ट तो समय की मांग है। अचानक यहां से किसी महानगर में जाना हो तो उसके लिए कोई इंतजाम नहीं है।
विकास महेश्वरी, व्यापारी --बलिया से दूर की यात्रा करने में काफी दिक्कतें हैं। अच्छी ट्रेनें भी इस रूट पर नहीं हैं। यहां के जनप्रतिनिधियों को एयरपोर्ट के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।
प्रमोद सर्राफ, व्यापारी --बलिया में ट्रेनों की सुविधा भी बेहतर नहीं है। इमरजेंसी में कहीं बाहर जाना हो तो अधिकांश लोग अब फ्लाइट का ही चयन कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें वाराणसी जाने के क्रम में दोगुना किराया वहन करना पड़ता है।
रविशंकर तिवारी, डायरेक्टर, शिक्षण संस्थान --समय की बचत के लिए अब हर कोई विमान से यात्रा करना चाहता है, लेकिन इस मामले में बलिया अभी तक उपेक्षित है। विधान सभा चुनाव में भी ह मुहीम चलाएंगे, बलिया मांगे एयरपोर्ट।
डा. बीके गुप्ता, चिकित्सक --बलिया में एयरपोर्ट की मांग पूरी हो जाए तो व्यापारियों को ज्यादा लाभ मिलेगा। व्यापारी दिन भर में देश के किसी भी कोने से आवागमन कर लेंगे। यह अहम मांग है।
आदित्य मिश्रा, डायरेक्टर, शिक्षण संस्थान --बलिया का आमजनमानस इस मांग के साथ अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। अभी भी यदि जनप्रतिनिधि इस पर चुप रहे तो हम इस मांग के लिए मुहीम चलाएंगे।
अरविद गुप्ता, व्यापारी --बलिया और आसपास के लगभग सात जिलों के व्यापारी दूर की यात्रा करने के लिए वाराणसी से ही फ्लाइट पकड़ते हैं। यदि यह सेवा बलिया से शुरू हो जाएग तो बड़ी खुशी होगी।
नेहा खान, सैलून संचालक --देश में सबसे पहले आजाद होने वाले बलिया को यह सौगात तो मिलनी ही चाहिए। बलिया के हक के अनुसार किसी भी सरकार ने बेहतर सौगात नहीं दिया है। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
रामकुमार जयसवाल, व्यापारी