गंगा कटान से बेघर 62 लोगों को मिलेगी बसने की जमीन
जागरण संवाददाता मझौवा (बलिया) बाढ़ और कटान से जनपद की आधी आबादी हर साल तबाह होती ह
जागरण संवाददाता, मझौवा (बलिया) : बाढ़ और कटान से जनपद की आधी आबादी हर साल तबाह होती है। किसी का घर नदी में समाहित हो जाता है तो कोई भूमिहीन हो जाता है। जिन लोगों के घर नदी में समाहित हो गए, उनके लिए सरकार की ओर से अच्छी पहल की जा रही है। सरकार ने कटान से बेघर हुए 62 लोगों को बसने के लिए जमीन देने की घोषणा की है।
गंगा के कटान से बेघर लोगों को बहुत जल्द अलग जमीन आवंटित कर बसाया जाएगा। इस क्रम में क्षेत्र के 62 कटान पीड़ितों को जल्द ही शासन के मंशा के अनुरूप जमीन देकर बसाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नायब तहसीलदार सदर जया सिंह ने रामगढ़ ढ़ाले पर शनिवार को बैठक आयोजित कर चयनित कटान पीड़ितों की सूची पढ़कर सुनाई। उन्होंने कहा कि किसी पात्र व्यक्ति का नाम छूट गया है तो वे भी अपना नाम एक सप्ताह के अंदर क्षेत्रीय लेखपाल से मिलकर इस सूची में जोड़वा सकते हैं।
शासन की ओर से कहा गया है कि कटान में जिनके भी मकान गिर गए हैं, उनके लिए जमीन आवंटित किया जाएगा। शासन के इस निर्णय से दूबे छपरा, रामगढ़ आदि स्थानों पर वर्षों से एनएच-31 के किनारे झोपड़ी डाल किसी तरह गुजारा कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
लंबे समय से चल रही पात्र
लोगों की जांच
कटान में जिनके घर वर्ष 2016 व 2019 के बीच नदी में समाहित हुए हैं, उनमें ज्यादा संख्या होने पर पात्रों की जांच लंबे समय से चल रही है। बेलहरी ब्लाक के ग्राम सभा गंगापुर के बेघर लोगों को शासन स्तर से जमीन क्रय कर बसाने की योजना है। इसके लिए क्षेत्रीय लेखपाल लक्ष्मण सिंह ने कुल 125 कटान पीड़ितों की सूची बनाकर तहसील प्रशासन को 2019 में सौंपा था, लेकिन जब सूची की जांच की जिम्मेदारी क्षेत्रीय कानूनगो भगवान पांडेय ने की तो उसमें मात्र 62 लोग ही पात्र पाए गए।
शेष 63 आपात्रों का नाम सूची से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी कोई पात्र व्यक्ति का नाम भूल बश छूट गया है तो वह अपना दावा क्षेत्रीय लेखपाल से मिलकर कर सकते हैं। इस मौके क्षेत्रीय लेखपाल लक्ष्मण सिंह, लेखपाल जनार्दन सिंह, लेखपाल अनिल सिंह, कटान पीड़ित राजेश यादव, दिनेश यादव, प्रभावती देवी, गंगाजली देवी, अर्जुन आदि मौजूद रहे।