2500 टन और आएगी यूरिया की खेप, किसानों को नहीं होगी दिक्कत
जागरण संवाददाता बलिया जिले में इन दिनों यूरिया की मांग बढ़ गई है। किसान सिचाई के बाद गे
जागरण संवाददाता, बलिया : जिले में इन दिनों यूरिया की मांग बढ़ गई है। किसान सिचाई के बाद गेहूं, सरसों की खेती में यूरिया डाल रहे हैं। जनवरी में यूरिया की खपत को देखते हुए जिला कृषि विभाग की ओर से 2500 टन यूरिया की और डिमांड की गई है। दो दिनों में यह खेप भी पहुंच जाएगी। पहले से 35 हजार टन यूरिया उपलब्ध है। इस तरह 37500 टन यूरिया जिले में हो जाएगी। जिले भर के लिए जनवरी माह का डिमांड 43 हजार टन है। पिछले साल जनवरी में 27 हजार टन यूरिया की खपत जिले भर में हुई थी। इस बार पिछले साल के सापेक्ष बढ़ाकर डिमांड भेजी गई थी।
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-1.80 लाख हेक्टयर में हुई है रबी की खेती
दो लाख 99 हजार 265 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले बलिया के 73.38 प्रतिशत यानी दो लाख 19 हजार 599 हेक्टयर भूभाग पर खेती की जाती है। इसमें खरीफ की फसल एक लाख 61 हजार 651 हेक्टेयर तथा रबी की एक लाख 80 हजार 518 हेक्टयर में की जाती है। गंगा और सरयू के तटवर्ती इलाके में मटर और सरसों की खेती भी भारी पैमाने पर होती है। किसान अभी के समय में अपनी फसल की देखभाल करने में जुटे हैं। ठंड बढ़ने से किसान खुश हैं। उनका कहना है कि जनवरी में ठंड नहीं पड़ने पर सरसों, गेहूं और चना पर कीटों का प्रभाव बढ़ जाता है। सिचाई भी कम अंतराल पर करनी पड़ती है। ऐसे मौसम में खेतों की नमी बनी रहती है।
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-किसानों को उर्वरक की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है। इफको के लिए डिमांड गया है। वह खाद भी एक सप्ताह में जिले को उपलब्ध हो जाएंगे। किसान जरूरत के हिसाब से खाद का उठान करें। --- विकेश कुमार पटेल, जिला कृषि अधिकारी