पहुंचे महज 1069 प्रवासी कामगार, उठे सवाल
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जासं, बलिया : सोमवार को तीन राज्यों से चार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बलिया पहुंची कितु यात्रियों की संख्या काफी कम होने के कारण अफसरों का माथा ठनका। जांच में पता चला कि मार्ग में कम से कम आधा दर्जन स्थानों पर चेनपुलिग कर सैकड़ों कामगार फरार हो गए। इनकी कहीं कोई जांच नहीं हुई। इस घटना ने रेलवे की व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। संक्रामक रोगों का भी खतरा बढ़ गया है।
गुजरात, दिल्ली व पंजाब सहित कई महानगरों से 1069 प्रवासी कामगार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से स्टेशन पहुंचे। प्लेटफार्म पर मौजूद चिकित्सकीय व शिक्षकों की टीम ने सभी की थर्मल स्क्रीनिग व नाम पता दर्ज कर होम क्वारंटाइन की पर्ची दी। जिला प्रशासन द्वारा सभी को नाश्ता व पानी देकर रोड़वेज की बसों से उनके गंतव्य तक छोड़ा गया। ट्रेन से पहुंचे कामगार राम रतन सिंह ने बताया कि मार्ग में कई स्थानों पर चेनपुलिग की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में कामगार भाग ििनकले। सबसे अधिक कामगार वाराणसी, प्रयागराज, जौनपुर के स्टेशनों पर उतरे। यात्रियों में ट्रेन के दो से चार घंटे विलंबित होने को लेकर भारी आक्रोश रहा कितु
निशुल्क यात्रा से राहत मिलने की भी बात कही।
मॉडल रेलवे स्टेशन पर सुबह से शाम तक पहुंची चार स्पेशल ट्रेनों में गुजरात के बडोदरा से 264, दिल्ली के निजामुद्दीन से दो ट्रेनों में 357, लुधियाना से 250 प्रवासी श्रमिक सवार होकर पहुंचे। गर्मी ज्यादा होने के कारण श्रमिकों ने पानी न मिलने की शिकायत की। सोमवार को रोड़वेज की बसों से भी अन्य दिनों की तुलना में कम प्रवासी आए। प्रदेश के विभिन्न शहरों से 53 बसों से 900 प्रवासी कामगार रोडवेज पहुंचे जहां सभी की बारी-बारी से थर्मल स्क्रीनिग करने के पश्चात होम क्वारंटाइन का निर्देश देकर घर भेज दिया गया। स्टेशन अधीक्षक संजय सिंह ने बताया कि यात्रियों से मिली सूचना के आधार पर चेनपुलिग के बाबत उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।