'पहले गुरु को पूजिए, फिर भगवान'
शिव की भांति विषपान कर शिष्य को ज्ञान रूपी अमृत प्रदान करता है गुरु रवि गिरि
बहराइच : श्रीसिद्धनाथ महादेव मंदिर के महंत महामंडलेश्वर रवि गिरि जी महाराज का कहना है कि शिव ही गुरु हैं। गुरु में ही शिव का वास है। गुरु शिव की भांति विषपान कर शिष्य को ज्ञान रूपी अमृत प्रदान करता है।
वह कहते हैं कि शिव ही सत्य हैं और सत्य के पालन से भगवान की प्राप्ति होती है। गुरु ही सच्चा रास्ता बताते हैं। गुरु के सानिध्य और उनकी कृपा के बिना सद्कर्म संभव नहीं है। सद्कर्म के बिना जीवन निरर्थक है। निरर्थक जीवन भोगविलास में लिप्त रहता है। वह सद्मार्ग पर नहीं चल पाता। इसलिए गुरु का सानिध्य प्राप्त करने के लिए गुरु पूर्णिमा उपयुक्त अवसर है।
इस दिन अपने गुरु के सन्निकट जरूर जाएं। गुरु की आराधना से साक्षात शिव व विष्णु पूजा का फल प्राप्त होता है। गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति, सुख-शांति और वैभव का प्राप्त होता है।
इसी दिन हुआ था वेद व्यास का जन्म
उन्होंने बताया कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा का शास्त्रों में विशेष महत्व है। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेद व्यास को चारों वेदों का ज्ञान था। इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई बुधवार को मनाई जाएगी।
सिद्धनाथ सहित कई मंदिरों में गुरु पूजन आज
द्वापरकालीन श्रीसिद्धनाथ महादेव सहित जिले के प्रमुख मंदिरों में गुरु पूर्णिमा का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। महंत महामंडलेश्वर रवि गिरि जी महाराज के सानिध्य में सैकड़ों अनुयायी भगवान शिव का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। सुबह सात से 12 बजे तक गुरु पूजन व उसके बाद भंडारा होगा। गायत्री शक्तिपीठ नानपारा में गुरु पूर्णिमा पर्व पर पुष्पांजलि, पूजन व सामूहिक भोज सुबह 10 बजे से होगा। गायत्री परिवार के तत्वावधान में बसंतपुर में सतेंद्र सिंह के आवास पर गुरु पूजन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल होंगे।