कतर्नियाघाट में मिली खुशखबरी मां बनी तीन बाघिन-छह शावकों को दिया जन्म
बहराइच के कतर्नियाघाट में बाघिन ने दिया दो-दो शावकों को जन्म 20 वयस्कों सहित पहले से जंगल की शोभा बढ़ा रहे हैं 32 बाघ।
बहराइच [मुकेश पांडेय]। लॉकडाउन के बीच कतर्निया से एक अच्छी खबर आई है। जंगल में तीन बाघिन मां बन गई हैं। सभी ने दो-दो शावकों को जन्म दिया है। इससे बाघों का कुनबा बढ़ गया है। उम्मीद है कि इससे आने वाले समय में 20 वयस्कों सहित 38 बाघ चहलकदमी करते नजर आएंगे।
पड़ाेसी राष्ट्र नेपाल से सटे कतर्निया जंगल की आबोहवा वनराज एवं तेंदुओं के माकूल नजर आती है। इस घने जंगल से होकर घाघरा, सरयू, कौड़ियाला, गेरुई नदियां तो बहती ही हैं, हिमालय की निचली पहाड़ियों से बहकर आने वाले नाले और उनके पास उगे बेंत के झाड़ बाघों को प्राकृतिक वास उपलब्ध कराते हैं। यही कारण है कि यहां बाघों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी कतर्निया जीपी सिंह ने बताया कि हाल ही में तीन बाघिन शावकों के साथ देखी गई हैं। सभी के साथ दो-दो शावक देखे गए हैं।
उन्होंने बताया कि जंगल में एक साल से कम उम्र के शावकों की संख्या पांच से छह है, जबकि इतने ही किशोर वय के हैं। इसके अलावा जंगल में 20 बाघ वयस्क हैं। वन्यजीव प्रेमी मुकेश जायसवाल का कहना है कि यहां लगातार बाघों की तादात का बढ़ना सुखद संकेत है। इससे प्राकृतिक रूप से यह जिला और समृद्ध होगा। यहां आने वाले पर्यटकों का रोमांच बढ़ेगा।
विश्लेषण की रिपोर्ट का इंतजार
डीएफओ के मुताबिक जंगल में लगाए गए कैमरे की ट्रैपिंग की रिपोर्ट डॉटा एनालिसिस सेंटर देहरादून दिसंबर भेजी गई है। वहां से विश्लेषण के बाद रिेपोर्ट आने पर वास्तविक संख्या का पता चलेगा।
तेंदुआ, हाथी, गैंडा बढ़ा रहे जंगल की शोभा
कतर्निया जंगल की शोभा सौ के आसपास तेंहुए, 20 से 25 हाथी, नेपाली गैंडा के अलावा हजारों की तादात में हिरन बढ़ा रहे हैं। यहां हिरन की प्रमुख प्रजातियां चीतल, पाढ़ा, बारासिंघा, काकड़, सांभर पाई जाती हैं।