सीमा पर सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहा घना कोहरा
नेपाल से सटी सीमा की सुरक्षा में एसएसबी की 59वीं 70वीं व 42वीं वाहिनी के जवानों के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। नोमैंस लैंड की विभाजक सीमा रेखा भारत-नेपाल सीमा के वनों से गुजरती हैं।
संतोष श्रीवास्तव, बहराइच
तराई में सुबह-शाम तन रही कोहरे की चादर ने भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के सामने चुनौती बढ़ा दी है। सीमा से पूर्व में आइएसआइ के एजेंट व आतंकियों की गिरफ्तारी होने से कड़ी निगरानी की दरकार महसूस की जा रही है। कोहरे में दृश्यता कम होने के चलते घने जंगली इलाकों में 50 मीटर की दूरी पर भी कुछ नहीं दिखाई पड़ता, ऐसे में सुरक्षाबलों को दोहरी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
नेपाल से सटी सीमा की सुरक्षा में एसएसबी की 59वीं, 70वीं व 42वीं वाहिनी के जवानों के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। नोमैंस लैंड की विभाजक सीमा रेखा भारत-नेपाल सीमा के वनों से गुजरती हैं। पूरे इलाके में आप कहीं भी खड़े हो जाइए तो आपको इस बात का आभास बिल्कुल नहीं होगा कि दोनों देशों के बीच कितना फासला है। ऐसी स्थिति में नेपाल की तकरीबन 120 किलोमीटर लंबी सीमा पर कोहरे की तनी चादर का फायदा उठाकर देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले लोग भारत की सीमा में घुसने की फिराक में रहते हैं। इससे जाड़े में कोहरे के बीच घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है।
सीमा पर स्थापित हैं 30 चौकियां : नेपाल सीमा की सुरक्षा को लेकर एसएसबी ने रुपईडीहा, निबिया, मनवरिया, मंशापुरवा, पचपकरी, रंजीत बोझा, कतर्नियाघाट, निशानगाड़ा, रमपुरवा, मुर्तिहा, बलईगांव, आंबा समेत सीमा पर 30 चौकियां स्थापित की हैं। यहां पर्याप्त तादाद में जवान हरवक्त तैनात रहते हैं।
पाक जासूस से लेकर आतंकी हो चुके हैं गिरफ्तार : 12 नवंबर 2016 को आसिफ हुसैन लोन को 11 वर्ष की एक किशोरी व दो बच्चों के साथ सीमा से गिरफ्तार किया गया था, जो पाकिस्तान के रावल पिडी का रहने वाला था। लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य इरफान, इंडियन मुजाहिद्दीन के अफजल उस्मानी, पाक जासूस मुहम्मद मशरूर व अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े सदस्यों की गिरफ्तारी रुपईडीहा सीमा पर हो चुकी है।
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जिम्मेदार के बोल
एसएसबी के साथ संयुक्त बैठक कर सीमा से सटे सभी थानों को अलर्ट किया गया है। जवानों को सीमा पर 24 घंटे नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए है। सीमा सुरक्षा को लेकर एसएसबी के साथ मिलकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
- डॉ. राकेश सिंह, डीआइजी देवीपाटन मंडल