कतर्नियाघाट वन्य क्षेत्र का बदला नजारा, प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू
हिमालय की तलहटी में आबाद कतर्निया वन्य जीव प्रभाग को सुर्खाब के पर।
मुकेश पांडेय, बहराइच : हिमालय की तलहटी में आबाद कतर्निया वन्य जीव प्रभाग को सुर्खाब के पर लग गए हैं। यहां ठंड बढ़ने के साथ ही प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हो गई है। नदियों, झीलों और तालाब में रंग-बिरंगे प्रवासी पक्षियों के कलरव से वन की शोभा देखते ही बनती है। पक्षियों की चहचहाहट एवं उनके दीदार से पर्यटक रोमांचित हो रहे हैं।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में पर्यटन सत्र की शुरुआत हल्की रही। नवंबर माह के पहले पखवारा में गेरुआ नदी सूखी थीं, जिससे यूरोप, मंगोलिया, साइबेरिया, स्वीडन, नार्वे, फिनलैंड आदि देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी यहां ठहरने के बजाय आगे बढ़ गए। पक्षियों का दूसरा समूह यहां पहुंचा तो कौड़ियाला एवं गेरुई स्वच्छ जलराशि से भर चुकी थीं। इससे उपयुक्त वातावरण देख पक्षी यहां ठहर गए। इससे जलीय जीवों की अठखेलियों के साथ पक्षियों का झुंड भी जंगल की सुंदरता में चारचांद लगाने लगा। इससे कतर्नियाघाट वन क्षेत्र के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़ा।
प्रवासी पक्षियों में सुर्खाब के अलावा सफेद जलमुर्गी, अडई, भूरा बतख, कॉमन कूट, सीकपर, सानो जलेवा आदि ने कतर्नियाघाट में दस्तक दे दी है। सुर्खाब अपनी खूबसूरती को लेकर पर्यटकों को खूब रोमांचित कर रहा हैं। छोटी लालसर, नीलसर, गुगराल, पिलकन, सावलर, गुगराल, नकटा, स्पून, बिल, आइविस, स्नाइपस, विटर्न, गड़वाल, गुगराल आदि 20 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का आना शेष है।
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''अभिमन्यु'' करता है समूह की अगुआई
-प्रवासी पक्षियों की अगुआई कोई अनुभवी चिड़ा नहीं, बल्कि ''अभिमन्यु'' यानी नवजात बच्चा करता है, जो मां के गर्भ में ही दिशा और उड़ान का कौशल सीख चुका होता है। उलटा वी सेप में आने वाले मेहमान पक्षियों की नई पीढ़ी का भारतीय परिक्षेत्र में आगमन को लेकर उत्साह देखते ही बनता है।
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यहां कर सकते हैं पक्षियों का दीदार
- वन क्षेत्राधिकारी पियूष मोहन श्रीवास्तव के मुताबिक कतर्नियाघाट, आंबाघाट, महादेवा ताल, पूर्व सेंट्रल स्टेट फार्म, लठौवा-कठौवा ताल, बगुलहिया फार्म, धरमाप झील, गायघाट स्थित सरयूतट, मंझरा डैम, गिरिजापुरी बैराज, कोठियाघाट आदि जगहों पर पर्यटक प्रवासी पक्षियों का दीदार कर सकते हैं।
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-एक दर्जन के करीब प्रवासी पक्षियों ने अपनी दस्तक दी है। लालसर समेत कई पक्षियों का आगमन दिसंबर माह तक हो जाएगा। यहां 35 प्रजाति के विदेशी मेहमान पक्षी आते हैं।
-यशवंत, प्रभागीय वनाधिकारी