पौधारोपण के साथ होगा जड़ी-बूटियों का संरक्षण
जामुन करौंदा सहजन अर्जुन और अमलताश को दिया जाएगा अधिक महत्व
बहराइच : वन महोत्सव पर मंगलवार को पौधरोपण के लिए बड़ा जनांदोलन होगा, इसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ औषधीय पौधों के विकास का ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण अंचलों में फलदार पौधे लगाने की योजना है।
वन महोत्सव में इस बार साखू, सागौन, यूकेलिप्टस आदि पौधों के साथ ही आम, जामुन, करौंदा, सहजन, अर्जुन और अमलताश को अधिक महत्व दिया जा रहा है। जिले की सभी नर्सरियों में औषधीय पौधे तैयार किए गए हैं। क्षेत्रीय यूनानी एवं आयुर्वेदिक अधिकारी डा. अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि सड़कों के किनारे फलदार पौध नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि उसे बचाना मुश्किल हो जाएगा। यहां अर्जुन अमलताश और अन्य छायादार पौधे लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार ने एक साथ दो लक्ष्यों पर काम किया है। पौधारोपण से आने वाले समय में पर्यावरण असंतुलन का खतरा नहीं होगा। साथ ही औषधियों के इतने पौधे लग जाएंगे कि भविष्य में कमी नहीं महसूस होगी।
सड़क के किनारे लगेगा अर्जुन
इस समय देश-विदेश में अर्जुन की बहुत मांग है। हृदय रोगों में अर्जुन की छाल सबसे अच्छी औषधि मानी जाती है। इसका इतना प्रयोग होता है कि कम पड़ जाती है। इसलिए सड़क के किनारे अर्जुन के पौधे लगाने से यह आवश्यकता पूरी हो जाएगी। गांवों में आम, जामुन के साथ करौंदा और सहजन जैसे पौधे लगाने पर जोर होगा।
पोषक तत्वों से भरपूर सहजन
आयुर्वेद बड़ी चिकित्सा पद्धति है। अब विदेश में भी इसकी मांग बढ़ी है। सहजन विटामिन से भरपूर होता है। इसमें कैल्शियम, आयरन भी प्रचुर मात्रा में होता हैं। इसे सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इसका बहुत अधिक प्रयोग है। जामुन शुगर नियंत्रित करता है और पेट के लिए अच्छी औषधि है। करौंदा विटमिन सी का स्त्रोत है।