किसानों पर सरकारी झंझावतों की मार, छिना सुख-चैन
जासं, बहराइच : मटमैली धोती, टूटी चप्पल, हाथों में लटक रहे कागजातों से भरे झोले, माथे प
जासं, बहराइच : मटमैली धोती, टूटी चप्पल, हाथों में लटक रहे कागजातों से भरे झोले, माथे पर पड़ी सिलवटें। जी हां, यह स्थिति पीएम सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए सरकारी झंझावतों से जूझ रहे किसानों की है। भोर होते ही किसान तहसील से लेकर लेखपालों के घर की ड्योढ़ी नापना का शुरू कर देते हैं। किसानों को ¨चता है कि कहीं उन्हें लाभ से वंचित न कर दिया जाए। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में दो हेक्टेअर जोत के 156226 किसान हैं। इनमें 82239 किसान पात्र पाए गए हैं। जिनका ब्यौरा अपलोड कर भुगतान की संस्तुति कर दी गई है।
केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में दो हेक्टेअर जोत के किसानों को पीएम सम्मान निधि के तहत प्रत्येक वर्ष 6000 रुपये देने की घोषणा की है। जिले में चार लाख 50 हजार 33 किसान हैं। अब तक 156226 किसानों को चिह्नित कर तहसीलों से डाटा अपलोड किया जा चुका है। शासन स्तर पर जांच में 39870 किसान मामूली खामियों की वजह से अपात्र घोषित किए गए हैं। 82239 किसानों को राजस्व, कृषि व जिलास्तरीय समिति संस्तुति कर चुकी है। बावजूद लाभ पाने की ललक ने किसानों का सुख-चैन छीन रखा है।
एक लेखपाल के जिम्मे पांच ग्रामपंचायतें
एक लेखपाल को पांच गांवों के किसानों के सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनके साथ पंचायत सचिव, प्राविधिक सहायक, सफाई कर्मचारी व आंगनबाड़ी भी लगाई गई हैं, जो किसानों के कागजातों का सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
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कामकाज ठप, योजना पर फोकस
पात्र किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन जीतोड़ कोशिश कर रहा है। सभी कार्याें को छोड़ कर दिन-रात फी¨डग हो रही है। सरकारी कर्मचारियों के साथ निजी संस्थानों की भी मदद ली जा रही है।
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24 को खाते में पहुंचेगी रकम
अधिकारियों की माने तो 23 फरवरी तक किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। इन किसानों के खातों में 24 फरवरी तक 2000 रुपये की पहली किश्त पहुंच सकती है।