तराई में डेंगू का मरीज मिलने से दहशत
डा. शिशिर अग्रवाल की देखरेख में हो रहा उपचार 40 हजार प्लेटलेट्स मासूम को लगातार आ रहे झटके
बहराइच : कोरोना संक्रमण से राहत मिलने के बाद अब जिले में डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है, लेकिन आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि जिम्मेदारों ने अब तक इससे बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। एक मरीज मिलने से जिले में डेंगू की पुष्टि हो गई है। पीड़ित मरीज का एक निजी पालीक्लीनिक में उपचार चल रहा है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
18 माह के डेंगू पीड़ित मोहम्मद आजम के शरीर में सूजन होने के साथ लघुशंका करने के दौरान खून आने लगा। तेज बुखार के साथ झटके आने से बच्चे की हालत लगातार बिगड़ने पर परिवारजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए। चिकित्सकों ने बच्चे की हालत गंभीर देख उसे लखनऊ ले जाने की सलाह दी।
परिवारजन उसे कई निजी अस्पताल ले गए, लेकिन मासूम की हालत देख कोई भी उसका इलाज करने को तैयार नहीं हुआ। परिवारजन ने पांच दिसंबर को बच्चे को डा. शिशिर अग्रवाल को दिखाया तो उन्होंने जांच में डेंगू के लक्षण पाए। पैथोलाजी जांच कराई तो उसकी प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार थी।
बालक को डेंगू की पुष्टि होने पर सकते में आए चिकित्सक ने बच्चे को वेंटीलेटर पर भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया। चिकित्सक ने बताया कि बच्चे की सामान्य धड़कन 70 होनी चाहिए थी, लेकिन 150 हार्ड बीप थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आजम की हालत में सुधर हो रहा है। इस साल यह पहला डेंगू के मरीज आया है। शहर के लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सर्दी का एहसास के साथ मच्छरों की तादाद बढ़ गई हैं। लोग अपने घरों के आसपास पानी न भरने दें। अगर पानी भरा है तो उसमें कोई भी खराब तेल डाल दें। एंबुलेंस में कराया प्रसव, जच्चा-बच्चा सुरक्षित : चित्तौरा के शाहनेवाजपुर से गर्भवती को लेकर निकले एंबुलेंस कर्मियों ने प्रसव पीड़ा से हालत गंभीर होने पर रास्ते में एंबुलेंस में ही प्रसव करवाया। प्रसव के बाद कर्मियों ने जच्चा-बच्चा को सकुशल जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया।
शाहनेवाजपुर की रहने वाली लल्ली देवी को शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर 102 पर फोन कर एंबुलेंस की मांग की गई। सूचना पर जिला महिला अस्पताल के एंबुलेंस चालक अमित कुमार सिंह और ईएमटी दुर्गेश कुमार पाठक को उसे लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। 20 मिनट बाद एंबुलेंसकर्मी प्रसूता को लेने गांव पहुंचे। आशा कार्यकर्ता सुनीता चौहान के साथ प्रसूता को गाड़ी में बैठाकर एंबुलेंसकर्मी महिला अस्पताल की ओर रवाना हुए। कुछ दूर जाने पर अचानक रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी और महिला की हालत बिगड़ गई। एंबुलेंस पर तैनात चालक ने वाहन को तत्काल सड़क किनारे खड़ा किया। अपनी तत्परता से आशा कार्यकर्ता के सहयोग से सुरक्षित प्रसव करवाया। एंबुलेंस में ही लल्ली देवी ने नवजात बच्ची को जन्म दिया। महिला की यह दूसरी डिलीवरी थी। एंबुलेंस कर्मियों ने जच्चा-बच्चा को महिला अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने दोनों को स्वस्थ बताया।