खपत बढ़ी तो डेढ़ गुना तक बढ़ गए सिलिडर के दाम
मेडिकल कॉलेज में सार्टेज का हवाला देकर मूल्य बढ़ाने का बना रहे दबाव
बहराइच: कोरोना की आपदा में ऑक्सीजन उत्पादन कंपनी से लेकर आपूर्तिकर्ताओं तक ने अवसर का लाभ उठाने का मौका नहीं छोड़ा। मेडिकल कॉलेज में पहले से मूल्य निर्धारित होने पर सार्टेज का हवाला देकर मूल्य बढ़ोतरी का दबाव बनाया जा रहा है। निजी अस्पतालों में डेढ़ गुना दाम में सिलिडर ब्लैक किया जा रहा है। इसकी भरपाई निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को जेब से करनी पड़ रही है। यह हाल तब है, जब शासन ने कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
वैश्विक महामारी में अचानक ऑक्सीजन की मांग व खपत बढ़ गई है। अधिकांश सरकारी अस्पताल कोविड-19 सेंटर के रूप में तब्दील हो गए हैं। यहां भी सामान्य दिनों की अपेक्षा ऑक्सीजन की खपत पांच गुना बढ़ी है। सिर्फ मेडिकल कॉलेज के डेडीकेटेड वार्ड पर नजर डालें तो अगस्त में हर दिन 50 तो अब 45 सिलिडर की खपत है। इसके लिए आपूर्तकर्ता कंपनी नामित है। जिला अस्पताल में ओपीडी संचालन न होने से मरीज निजी अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में वहां खपत दोगुनी बढ़ी है। निजी अस्पताल ऑक्सीजन के लिए मुंह मांगा दाम दे रहे हैं तो अस्पताल निर्धारित मूल्य ही दे रहा है। ऐसे में आपूर्तिकर्ता फर्म ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होने का हवाला देकर दाम बढ़ोतरी का दबाव बना रही है।
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मेडिकल कॉलेज में 315 रुपये की दर से हो रही आपूर्ति
-जिला अस्पताल में 315 रुपये की दर से ऑक्सीजन सिलिडर आपूर्ति की जा रही है। निजी अस्पतालों में यह सिलिडर 400 से 450 रुपये में दिया जा रहा है।
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आपूर्तिकर्ता को दी गई है चेतावनी
-सीएमएस डॉ. डीके सिंह ने बताया कि इस समय ऑक्सीजन की कोरोना मरीजों को ज्यादा जरूरत पड़ रही है। खपत बढ़ने से मांग ज्यादा है। आपूर्तिकर्ता को पहले से निर्धारित मूल्य पर जरूरत के हिसाब से सिलिडर उपलब्ध कराने की चेतावनी दी गई है।