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ऑनलाइन शिक्षा : तकनीक के दखल से शिक्षा में आया सकारात्मक बदलाव

कोविड-19 के मद्देनजर छात्र-छात्राओं के लिए आनलाइन शिक्षा रही मुफीद

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 04:25 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 04:25 PM (IST)
ऑनलाइन शिक्षा :  तकनीक के दखल से शिक्षा में आया सकारात्मक बदलाव
ऑनलाइन शिक्षा : तकनीक के दखल से शिक्षा में आया सकारात्मक बदलाव

कोविड-19 के मद्देनजर छात्र-छात्राओं की सेहत को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य प्रारंभ हो गया है। गत सात माह में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। बावजूद इसके, ऑनलाइन शिक्षण परंपरागत कक्षा में आमने-सामने दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्थान नहीं ले सकती। इक्कीसवीं सदी में शिक्षा के स्वरूप में तकनीक के दखल से कई स्वाभाविक व सकारात्मक बदलाव आए हैं। ब्लैक बोर्ड से लेकर स्मार्ट बोर्ड व स्मार्टफोन पर ऑनलाइन कक्षाओं को संचालित करने में तकनीक की महती भूमिका है, पर इसमें स्थायित्व व मानवीय संवेदनाओं का नितांत अभाव है। मेरे व्यक्तिगत विचार में ऑनलाइन शिक्षा, उच्च शिक्षा के लिए ज्यादा सही विकल्प है, बजाय प्राथमिक व माध्यमिक कक्षाओं के। बतौर शिक्षक वर्चुअल कक्षा संचालन में सभी छात्रों पर सामूहिक नियंत्रण की कमी खलती है। बच्चों के लिए लंबे समय तक मोबाइल का प्रयोग खतरनाक रेडिएशन, उनके शारीरिक विकास व स्वास्थ्य के लिए खतरे का सबब बन सकता है। स्कूल जैसा भौतिक वातावरण न मिलने से शिक्षकों से उनका भावनात्मक जुड़ाव नहीं हो पाता, जो उनके सीखने की कला को भी प्रभावित करता है। माध्यमिक कक्षाओं का संचालन शुरू हो गया। ऐसे में सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की है, उन्हें कुछ माह बाद होने वाली परीक्षा के बेहतर परिणाम के लिए पूरे मनोयोग से पढ़ाई करनी होगी।

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-मुशीर अहमद प्रवक्ता, मदनी इंटर कॉलेज कैसरगंज

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अभिभावक की राय

-कोरोना संक्रमण में शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल पटरी से उतर गई है। ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों को मात्र किताबी ज्ञान मिल पा रहा है। वे वास्तविक शिक्षा की विधा से दूर होते जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अभिभावकों के पास ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों को जोड़ पाने का कोई जरिया नहीं है। अब प्राथमिक व जूनियर कक्षाओं के बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल खोलने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

-सुरेश यादव, अभिभावक

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विद्यार्थी की बात

-हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक के कॉलेज खोल दिए गए हैं। जूनियर व प्राथमिक स्तर तक के विद्यालयों को भी खोलने की जरूरत है। बच्चों का शिक्षा के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास हो सके। सात माह से घरों में कैद बच्चे स्कूल जाने के लिए तत्पर हैं, लेकिन अभिभावक की सुरक्षा को लेकर अभी रिस्क नहीं ले रहे हैं।

-मरियम, छात्रा हाईस्कूल


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