ऑनलाइन शिक्षा : संयम के साथ शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाना चुनौतीपूर्ण
वैश्विक महामारी एक नए युग का सूत्रपात किया है। यह ऐसा युग है रिस्क ज्यादा है। ऐसी परिस्थिि
वैश्विक महामारी एक नए युग का सूत्रपात किया है। यह ऐसा युग है रिस्क ज्यादा है। ऐसी परिस्थिति में बच्चों की सुरक्षा के साथ उनको बेहतर शिक्षा मुहैया कराना चुनौतीपूर्ण हैं। बदलाव का दूसरा चरण शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अहमियत रखता है। इस चुनौती से निपटने के लिए कॉलेज प्रबंधन पूरी तरह से तैयार है। संकल्प के साथ जैसी महामारी को मार दिया जाएगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने की कोशिश रंग लाएगी। परीक्षा को बचे चार माह में कोर्स पूरा कराने के साथ शिक्षक बेहतर समन्वय परिचय देंगे। यह सत्र बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि शिक्षकों के लिए भी नए अध्याय से कम नहीं है। बेहतर शिक्षा के साथ वैश्विक महामारी को मत देने का हमारा संकल्प एक दिन कामयाब होगा। कोरोना हारेगा और बच्चे पहले की तरह कॉलेज आकर शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ेंगे।
-राजकुमार तिवारी, प्रभारी प्रधानाचार्य स्वामी रामानंद इंटर कॉलेज अमराई विशेश्वरगंज
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अभिभावक की राय
-वैश्विक महामारी ने बच्चों व अभिभावकों के सामने एक नई चुनौती प्रस्तुत की है। इस चुनौती से निपटना आसान नहीं है। बावजूद इसके, बच्चों को कॉलेज भेजना हमारी प्रतिबद्धता है। डर के आगे जीत होती है। कोरोना को मात देकर भी हम एक दिन अवश्य जीतेंगे। पूर्व की तरह ही हमारे बच्चे निर्बाध वार्निश अंकित होकर कॉलेज जाएंगे निशंक होकर विद्यालय जाएंगे। सरकार का स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला स्वागत योग्य है।
-अरुणेश कुमार सिंह, परेवपुर बहराइच
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विद्यार्थी की बात
कॉलेज खुल गए हैं। हम लोग कॉलेज जाना भी शुरू कर दिए हैं, लेकिन बहुत से अभिभावक अभी भी अपने बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें बच्चों को भेजना चाहिए। ताकि उनके अंदर भय निकले और पढ़ाई की गति रफ्तार पकड़े। इस बात का ध्यान जरूर रहे कि कोरोना के प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन हो।
-रीतू देवी, छात्रा, कक्षा-10