डेंगू के डंक से सात पुलिस कर्मी व तीन लैब टैक्नीशियन पॉजिटिव
तराई में वैश्विक महामारी की चुनौतियों के बीच डेंगू के दस्तक ने स्वास्थ्य महक की मुसीबत बढ़ा दी है
संसू, बहराइच : तराई में वैश्विक महामारी की चुनौतियों के बीच डेंगू के दस्तक ने स्वास्थ्य महकमे की नींद उड़ा दी है। सीओ सदर कार्यालय के सात पुलिसकर्मी व मेडिकल कॉलेज के तीन लैब टैक्नीशियान डेंगू पीड़ित पाए गए हैं। तीन बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। बीते 10 दिनों में 45 लोग डेंगू से पॉजिटिव पाए गए हैं। तराई में बदले मौसम के साथ ही डेंगू कहर बरपाना शुरू कर दिया है। वैश्विक महामारी से जूझ रहे लोगों के साथ डेंगू के कहर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। मेडिकल कॉलेज के पैथालॉजी रिपोर्ट पर नजर डालें तो 10 से 20 अक्टूबर के बीच 284 संदिग्ध लोगों के सैंपल की जांच हुई है, इनमें 45 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें सीओ कार्यालय के सात पुलिस कर्मचारी व कॉलेज के तीन लैब टैक्नीशियन वॉयरोलॉजी विभाग से 300 एलाइजा किट की डिमांड की गई है। तत्कालिक चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराने के लिए रैपिड किट से जांच की जा रही है। --------------
1500 किट की शासन को भेजी डिमांड
-मेडिकल कॉलेज में तेजी से आ रहे डेंगू संदिग्ध रोगियों के सैंपल की जांच के लिए 1500 रैपिड किट की मांग शासन से की गई है। पिछले साल उपलब्ध कराई गई किट से ही जांच हो रही है। 24 घंटे के अंदर किट की आपूर्ति न होने पर दिक्कत होने की बात कही गई है। -------------
प्लेटलेट्स की बढ़ी डिमांड -डेंगू मरीजों के मिलने के साथ ही प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ गई है। कई मरीज निजी नर्सिंगहोम में भी भर्ती हैं, लेकिन प्लेटलेट्स के लिए वे मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक पर ही निर्भर हैं। जरूरत के मुताबिक प्लेटलेट्स मरीजों को मुहैया कराया जा रहा है।
--------------- इलाज की मुकम्मल व्यवस्था -सीएमएस डॉ. डीके सिंह ने बताया कि कॉलेज में इलाज की मुकम्मल व्यवस्था है। जरूरी दवाएं व संसाधन कॉलेज में उपलब्ध है। इसके लिए अलग से डेंगू वार्ड भी बनाया जा रहा है।