कतर्निया जंगल की खूबसूरती में चारचांद लगा रहे लालसर पक्षी
महादेवा ताल मैला नाला कैलाशपुरी डैम मझरा डैम एवं गेरुआ नदी की गोद में कर रहे अठखेलियां
बहराइच : यह वन्य जीव प्रेमियों के लिए सुखद खबर है। कतर्निया जंगल में मेहमान पक्षी लालसर का आगमन तेज हो गया है। साइबेरियन पक्षी लालसर झीलों के अलावा गेरुआ एवं कौड़ियाला में अच्छी खासी तादाद में दिखने लगे हैं। इन पक्षियों को देखने में पर्यटक भी दिलचस्पी ले रहे हैं। इस बार विलंब से सही, साइबेरियन पक्षी लालसर लंबी यात्रा कर भारत में दस्तक दे चुके हैं। कतर्निया जंगल उनका अहम पड़ाव बन चुका है। आम तौर से दिसंबर में ही लालसर समेत कई प्रजाति के विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू हो जाता है, लेकिन पिछले दो साल से इनका आगमन विलंब से हो रहा है। कतर्निया वन्य जीव प्रभाग के तालाब, झील एवं नदियां आबादी से दूर होने के इन्हें ये पक्षी यहां स्वयं को सुरक्षित पाते हैं।
लालसर की खूबसूरत तस्वीर कतर्नियाघाट रेंज में तैनात नेचर गाइड व बर्ड रिसर्च कर चुके शिवकुमार यादव ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद की है। वे बताते हैं कि लालसर का सिर व चोंच लाल रंग का होता है, इसलिए ये लालसर के नाम से जाना जाता है। मादा लालसर का सिर हल्के काले रंग व चोंच लाल होती है। ये यहां 30 फरवरी तक रहते हैं। उसके बाद यहां से चले जाते हैं। वह बताते हैं कि महादेवा ताल, मैला नाला, कैलाशपुरी डैम, मझरा डैम एवं गेरुआ नदी की गोद में इन्हें इस वक्त अठखेलियां करते देखा जा सकता है। कतर्नियाघाट घूमने गए पर्यटकों को दिखा अजगर
बहराइच : कतर्निया जंगल घूमने गए पर्यटकों को घड़ियाल सेंटर के निकट झाड़ियों में अजगर दिखा। अजगर की तस्वीर को भी अपने कैमरे में कैद किया।
शहर के तिकोनीबाग निवासी अंबिका रायजादा परिवार संग कतर्नियाघाट घूमने गई थीं। अंबिका के परिवार के लोग अन्य पर्यटकों के साथ घड़ियाल सेंटर के निकट बने घास के मैदान में बने गोल हट पर भोजन का आनंद ले रहे थे। उनके साथ मौजूद बच्चे खेलते-खेलते पास में बने तालाब के किनारे चले गए।
कई दिनों के बाद खिली धूप के चलते तालाब के किनारे अजगर धूप सेंकता दिखा। किसी नुकसान से अनभिज्ञ बच्चे अजगर को लकड़ी से छेड़ने लगे। अंबिका ने अजगर व उसको छेड़ते बच्चों को देखा तो दौड़कर बच्चों को दूर हटाया और उन्हें उनके परिजन को सौंप दिया।