सूने पड़े नदी घाट, नहीं लगेगा कार्तिक पूर्णिमा पर मेला
कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला इस बार नदी घाटों पर नहीं लगेगा।
जागरण टीम, बहराइच : कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला इस बार नदी घाटों पर नहीं लगेगा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने आयोजन पर रोक लगाई है। इससे नदी घाट सूने हैं तो मेले में दुकान लगाकर रोजगार करने वाले छोटे तबके के दुकानदार मायूस हैं।
नवाबगंज : क्षेत्र के होलिया गांव के पास राप्ती नदी के घाटों पर श्रद्धालु स्नान तो करेंगे, लेकिन राप्ती नदी के तट पर लगने वाला मेला डेढ़ सौ वर्ष में पहली बार कोविड-19 के कारण नहीं लगेगा। श्रद्धालुओं के स्नान करने के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए घाटों पर न तो बैरीकेटिग की गई न ही गोताखोरों का इंतजाम किया गया है। नानपारा तहसील के नायब तहसीलदार ने पहुंचकर घाटों का जायजा लिया। पुरोहितों ने श्रद्धालुओं के पूजन-अर्चन कराने के लिए पहले से ही अपने डेरे घाटों पर बना लिए हैं। लल्लू राम पांडेय ने बताया कि यहां पर क्षेत्र के अलावा नेपाल के श्रद्धालु स्नान करते हैं। ग्रामीण यदुनंदन मिश्र कहते हैं कि पहली बार यहां पर मेले का आयोजन नहीं होगा। नानपारा : कोविड-19 के चलते सोमवार को लगने वाला कार्तिक पूर्णिमा का मेला नानपारा तहसील में कहीं पर भी नहीं लगेगा। उपजिलाधिकारी सूरज पटेल ने अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। राजस्व टीम व पुलिस की टीम तैनात की गई है। तकियाघाट पर तहसीलदार अमरचंद्र वर्मा, नायब तहसीलदार विनीत सिंह के नेतृत्व में लेखपाल वाहिद कमाल की टीम मौजूद रहेगी। जो लोग दुकान लाए थे उन्हें वापस कर दिया गया है।
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यहां कार्तिक पूर्णिमा पर लगते रहे हैं मेले
बहराइच : कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन नदी-घाटों पर भोर होते ही स्नान पर्व शुरू होता है। दान पुण्य के साथ लोग विधि-विधान से पूजन-अर्चन करते हैं। दो दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है। यह मेला शहर के मरीमाता मंदिर, महसी के सिलौटा के घाघरा तट, कैसरगंज के कटका, बिरथानाघाट के सरयू तट, फखरपुर के कंजाकोन, हुजूरपुर के भग्गड़वा, भंगहा, मिहींपुरवा के गायघाट, नवाबगंज राप्ती नदी तट समेत अन्य स्थानों पर मेले का आयोजन किया जाता है।