कचरे से आजादी..ये सफाई कर्मी हैं स्वच्छता दूत, करेंगे सम्मान तो घर के बाहर दिखेगी स्वच्छता
30 हजार घरों से हर रोज निकल रहा 70 टन कूड़ा-कचरा जागरूकता का अभाव के चलते डस्टबिन का नहीं हो रहा प्रयोग
प्रदीप तिवारी, बहराइच : हर रोज आपके घर कूड़ा उठाने के लिए दस्तक देने वाले सफाई कर्मी ही असल में स्वच्छता के दूत हैं। इनके हाथ भले ही कचरे से सने हों, लेकिन यही हाथ वातावरण व आपके घर के बाहर के आवरण को स्वच्छ रखने के मुख्य वाहक हैं। इनके हाथों से परहेज न करें, बल्कि इनका सम्मान करें, ताकि आपके घर के बाहर स्वच्छता की झलक बरकरार रहे और कर्मियों के चेहरे पर मुस्कान बनी रहे।
शहर की आबादी लगभग पांच लाख है। यहां 30 हजार घर हैं, जिनसे हर रोज 70 टन कूड़ा-कचरा निकलता है। घर से निकलने वाले कूड़ा-कचरे के निस्तारण को लेकर सिर्फ 10 फीसद लोग ही संजीदा हैं, जबकि 90 फीसद लोग घरों के बाहर जैसे-तैसे कूड़ा-कचरा फेंक देते हैं। इसमें जहां जानवर मुंह मारते हैं, वहीं हल्की हवा चलने पर कचरा घर के बाहर बिखर जाता है। इससे न केवल संक्रामक बीमारियां फैलने का भय रहता है, बल्कि आबोहवा को भी नुकसान पहुंचता है। यही अस्वच्छता को स्वच्छता का रूप देने के लिए नगरपालिका के सफाई कर्मी सुबह-शाम घर-घर दस्तक देते हैं। सफाई के साथ बिखरे पड़े कूड़े-कचरे को वे अपने हाथों से उठाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाते हैं। भले ही इनके हाथ कूड़े-कचरे से सने हों और हम देखकर उन्हें नाक बंद कर लें, लेकिन जिस दिन यह हाथ नहीं उठे, उस दिन सांस लेना दूभर हो जाएगा। ऐसी दशा में एक संभ्रांत नागरिक की तरह इनका अनादर करने के बजाय आदर करें, ताकि शहर की स्वच्छता और आपके घर का कूड़ा साफ हो सके। ------------------- 30 हजार घरों के लिए सिर्फ 415 कर्मी - जरा सोचिए। 31 वार्ड में 30 हजार घरों में निवास करने वाली पांच लाख की आबादी से निकलने वाला 70 टन कचरे को उठाने के लिए सिर्फ 415 कर्मियों की तैनात है। इनमें 40 संविदा पर, 320 ठेके पर, जबकि 55 स्थाई कर्मचारी नगरपालिका में कार्यरत हैं। इन्हीं के ऊपर शहर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी है। ---------------- शहर को साफ व स्वच्छ बनाए रखने के लिए सुबह और शाम सफाई कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्य चौक-चौराहों पर डस्टबिन रखाई गई है, लेकिन अधिकांश लोग डस्टबिन के बजाय कूड़ा-कचरा बाहर फेंकते हैं, जिससे अव्यवस्था फैलती है। पवन कुमार, ईओ नगरपालिका परिषद