बढ़ता रहा अतिक्रमण, घटता रहा रेलवे का दायरा
नानपारा रेलवे स्टेशन के इर्द-गिर्द तकरीबन 900 मीटर रेलवे की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है।
संतोष श्रीवास्तव, बहराइच : रेलवे की जमीन पर दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण पांव पसारता रहा, लेकिन जिम्मेदार मौन साधे रहे। फलस्वरूप हालत और बदतर होते गए। रेलवे की जमीन का दायरा घटता चला गया। अतिक्रमण करने वालों का दायरा बढ़ता गया। अतिक्रमण हटाने का दावा भी किया जाता रहा। बावजूद इसके, अतिक्रमण करने वाले लोग फिर वहीं अपनी दुकान सजा लेते हैं।
नानपारा रेलवे स्टेशन के इर्द-गिर्द तकरीबन 900 मीटर रेलवे की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। दुकान एवं मकान निर्माण के साथ जमीन पर हुए अन्य तरह के अतिक्रमण को हटाने के लिए अगर रेलवे ने ठोस रणनीति बनाई होती तो अतिक्रमण करने वालों के हौसले पस्त होते। मिहींपुरवा स्टेशन के पास भी लोगों ने रेलवे की जमीन पर अपना आशियाना बना रखा है। यहां तो वर्तमान समय में अतिक्रमण करने वाले दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण कर रहे हैं। विभाग की तरफ से रस्म अदायगी के लिए कभी-कभार अभियान चलाया जाता है, लेकिन अभियान के चंद दिनों बाद पुन: हालात जस के तस हो जाते हैं। मिहींपुरवा स्टेशन स्थित रेल पटरियों से चंद कदमों की दूरी पर लोगों का कब्जा है।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि बिछिया स्टेशन के पास रेलवे की जमीन पर बाजार गुलजार है, लेकिन जिम्मेदार मौन साधे हैं। ------इनसेट----- अतिक्रमण से अंजान रेल अधिकारी -रेल भूमि पर कितना अतिक्रमण है? अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। आइओडब्ल्यू एके मिश्र ने कहा कि फाइल देखने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा। अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाना था, लेकिन कोविड-19 के चलते अभियान पर पूरी तरह रोक लगी हुई है।