हाईकोर्ट : कैदी की जेल में कैसे हुई मौत
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट को बहराइच जेल में बंद
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट को बहराइच जेल में बंद कैदी मोहम्मद यूसुफ की कथित संदिग्ध मौत के बाद हुए उसके पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को देखकर मौत के कारणों के बाबत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस कैदी की मौत के मसले पर सुनवाई के दौरान हाजिर हुए बहराइच एसपी की ही राय के बाद शव को कब्र से बाहर निकालने पर निर्णय लेने से पहले कोर्ट ने मेडिको-लीगल एक्सपर्ट को पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व शव के फोटोग्राफ भेजने के आदेश दिए हैं और इन सामग्रियों के आधार पर एक्सपर्ट को कैदी के मौत के कारण पर रिपोर्ट देनी है। यह आदेश जस्टिस डीके अरोड़ा व जस्टिस राजन रॉय की खंडपीठ ने मेराज की याचिका पर दिए।
याची का कहना है कि उसका चाचा मोहम्मद यूसुफ हत्या के आरोप में दोषसिद्ध होने के बाद सजा काट रहा था। इस दौरान उसकी जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि इन्क्वेस्ट रिपोर्ट में गले पर निशान व चेहरे पर कुछ चोटों का भी जिक्र है, जबकि ये बातें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने बहराइच के एसपी, जेल सुपरिंटेंडेंट, सीएमओ व पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को तलब कर लिया। सुनवाई के दौरान बहराइच एसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कोर्ट के समक्ष सलाह दी कि शव को कब्र से निकालने से पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट की विडियोग्राफी को फोरेंसिक लैब भेजकर मौत के कारण का पता लगाया जा सकता है।